Delhi News: केजरीवाल के खिलाफ तीसरी याचिका पर जज भड़के, बोले- ये PIL नहीं है
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Delhi News: केजरीवाल के खिलाफ तीसरी याचिका पर जज भड़के, बोले- ये PIL नहीं है

Arvind Kejriwal News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि ये पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) न होकर पब्लिसिटी हासिल करने के लिए दाखिल की गई याचिका है. आप पर भारी जुर्माना लगना चाहिए.

Delhi News: केजरीवाल के खिलाफ तीसरी याचिका पर जज भड़के, बोले- ये PIL नहीं है

Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली याचिका पर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने AAP के पूर्व MLA संदीप कुमार की याचिका पर उन्हें फटकार लगाई. दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच पहले ही इस तरह की मांग वाली दो याचिकाओं को खारिज कर चुकी है, फिर भी ये नई याचिका दाखिल की गई. ये पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) न होकर पब्लिसिटी हासिल करने के लिए दाखिल की गई याचिका है. आप पर भारी जुर्माना लगना चाहिए.

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने ये मामला इस मसले पर पहले सुनवाई कर चुकी जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच को भेज दिया. केस अब 10 अप्रैल को सुनवाई पर आएगा. 

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अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली ये तीसरी याचिका है. इससे पहले इसी तरह की मांग वाली दो याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट ये कहते हुए खारिज कर चुका है कि इसमें कोर्ट के दखल का कोई औचित्य नहीं बनता. हिरासत में रहते हुए केजरीवाल को CM पद पर बने रहना है या नहीं, ये फैसला उन्हें ख़ुद लेना है. अगर कोई संवैधानिक संकट की स्थिति होगी तो उसके मुताबिक एलजी या राष्ट्रपति फैसला लेंगे। कोर्ट इसमें अपनी ओर से कोई निर्देश नहीं दे सकता.

1 मार्च को ईडी ने सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. वह फिलहाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं. दरअसल संदीप कुमार ने अपनी याचिका में कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 239एए(4) का हवाल दिया. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल को उनके कार्यों में सहायता और सलाह देने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद होती है, लेकिन उपराज्यपाल को सहायता देना व्यावहारिक रूप से तब तक संभव नहीं है, जब तक मुख्यमंत्री एलजी की मदद के लिए स्वयं मौजूद न हों. सीएम काम मौजूद न होना संवैधानिक तंत्र को जटिल बनाता है.  

 

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