Delhi Excise Policy: दिल्ली शराब नीति घोटाले मामले में पंजाब के पूर्व विधायक के बेटे को रिश्वत और कार्टेलाइजेशन का आरोप में गिरफ्तार किया गया. इसी मामले में सीबीआई ने भी बुचीबाबू गोरांतला को गिरफ्तार किया है.
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Delhi Excise Policy: ED ने दिल्ली शराब नीति घोटाले मामले में पंजाब के पूर्व विधायक के बेटे गौतम मल्होत्रा को गिरफ्तार किया है. गौतम के पिता दीप मल्होत्रा पंजाब के फरीदकोट से SAD (Shiromani Akali Dal) पार्टी से विधायक थे. गौतम पर शराब घोटाले में रिश्वत और कार्टेलाइजेशन का आरोप है. इसी मामले में सीबीआई ने भी बुचीबाबू गोरांतला को गिरफ्तार किया है. बुचीबाबू हैदराबाद का रहने वाला है और पेशे से चार्टेड अकाउंटेंट (CA) है. आरोप है कि बुचीबाबू तेलंगाना के मुख्यमंत्री की बेटी के कविता और अरूण रामचंद्र पिल्लई समेत दूसरे शराब व्यापारियों के लिये शराब नीति बनाने और उसके फायदे में मदद कर रहा था. साथ ही अवैध कमाई को रूट करने में मदद कर रहा था.
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प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली शराब नीति मामले में शराब कारोबारी और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक दीप मल्होत्रा के बेटे गौतम मल्होत्रा को गिरफ्तार किया है. एजेंसी ने पिछले साल अक्टूबर में शराब निर्माण और वितरण कंपनी ओएसिस ग्रुप (Oasis Group) के मालिक दीप मल्होत्रा की संपत्तियों पर एजेंसी ने पंजाब में छापा मारा था. दीप मल्होत्रा के छोटे बेटे गौतम को अंबाला और इंदौर में समूह की डिस्टिलरी चलाने के अलावा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बाजारों का प्रबंधन करने के लिए कहा जाता है.
कार्टेलाइजेशन में निभाई थी प्रमुख भूमिका
ईडी के सूत्रों के अनुसार गौतम की गिरफ्तारी को लेकर कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली में नई शराब नीति लागू करने के बाद गौतम ने कार्टेलाइजेशन में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी. अधिकारी ने बताया कि गौतम को कल पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा था. वहीं ED ने कोर्ट में बताया कि केजरीवाल सरकार द्वारा तैयार की गई शराब नीति का उन लोगों द्वारा खुलेआम उल्लंघन किया गया, जिन्हें लाइसेंस मिला था. एजेंसी के अनुसार इस मामले में करीब 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई है.
बता दें कि ED ने अक्टूबर 2022 में दिल्ली सरकार की आबकारी नीति की मनी लॉन्ड्रिंग जांच करनेके लिए पंजाब में चार स्थानों पर छापेमारी की थी. इसमें से 2 परिसर दीप मल्होत्रा से जुड़े शामिल थे. मल्होत्रा से जुड़े दो परिसर फरीदकोट में थे और बाकी दो और लुधियाना और मनसा में मारे गए. इसके बाद दीप मल्होत्रा के कार्यालय से संपर्क करने पर उन्होंने पुष्टी की थी कि ईडी की छापेमारी उनकी कुछ शराब इकाइयों पर हुई थी. उनके कार्यालय ने कहा था कि सभी दस्तावेज सही ढंग से हैं.