Delhi Crime News: साइबर ठगी की बात हो तो जामताड़ा का नाम सबसे ऊपर आता है. बॉक्साइट की खदानों के लिए मशहूर झारखंड के इस जिले की पहचान साइबर ठगों के शहर के रूप में होने लगी है. जामताड़ा पर वेब सीरिज तक टेलीकास्ट हो चुकी है.
Trending Photos
Delhi Cyber Crime: साइबर ठगी की बात हो तो जामताड़ा का नाम सबसे ऊपर आता है. बॉक्साइट की खदानों के लिए मशहूर झारखंड के इस जिले की पहचान साइबर ठगों के शहर के रूप में होने लगी है. जामताड़ा पर वेब सीरिज तक टेलीकास्ट हो चुकी है. वहां रेड करने वाली जांच एजेंसियों के लोग कहते हैं कि किसी दूसरे शहर की पुलिस के लिए तो वहां रेड करना और मुश्किल है. ऐसे में दिल्ली की शाहदरा डिस्ट्रिक्ट की साइबर पुलिस ने एक केस के सिलसिले में जामताड़ा में महज दो घंटे के अंदर ऑपरेशन चलाकर ठगी के आरोपी दिलवर हुसैन (23) को गिरफ्तार कर लिया और दिल्ली ले आई.
आरोप है कि दिलवर ने खुद को खाताबुक ऐप का कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताकर दिल्ली के एक शख्स को 3.20 लाख रुपये का चूना लगाया था. आरोपी के पास से एक मोबाइल, दो सिम कार्ड, चार बैंक डेबिट कार्ड बरामद हुए. जांच के दौरान पुलिस ने आठ बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स पता की. लोगों से ठगी के 12 लाख रुपये इन्हीं खातों में आए थे. इन्हें फ्रीज करवा दिया गया.
इन ठगों ने अब झारखंड के आसपास रहने वाले आदिवासी लोगों को भी चूना लगाना शुरू कर दिया था. वह उन्हें रुपये देने का लालच देकर उनके बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल कर रहे थे. उन्हीं अकाउंट्स में ठगी की रकम मंगवाई जाती थी. आरोपी उनसे खाता नंबर लेने के बाद अपने मोबाइल नंबर्स को बैंक में रजिस्टर्ड करवा देते हैं.
ये भी पढ़ें : सीएम के बयान पर भिवानी के सरपंचों का सवाल, क्या विधायक बनने के लिए पैसा खर्च नहीं किया जाता
अकाउंट से 3.20 लाख रुपये निकाले
अमित जैन नाम के व्यक्ति ने साइबर पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने खाताबुक ऐप के कस्टमर केयर नंबर को गूगल पर सर्च किया था. एक नंबर मिलने पर कॉल की और कॉलर ने खुद को खाताबुक ऐप का कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव बताया. उसी ने उनके मोबाइल पर एनी डेस्क ऐप डाउनलोड करवाई और अकाउंट से 3.20 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए. इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर छानबीन शुरू की.
एसीपी संजय कुमार के सुपरविजन में इंस्पेक्टर राहुल, हेड कॉन्स्टेबल राहुल, विकास, धनेश, जावेद की टीम को केस क्रैक करने के लिए लगाया. जांच के दौरान अमित के अकाउंट से जिन खातों में रकम भेजी गई थी, वह दुमका, देवघर, कोलकाता, जमशेदपुर समेत आसपास के इलाके थे. कॉलर की लोकेशन जामताड़ा के फतेहपुर थाना इलाके की मिली। इसके बाद दिल्ली पुलिस जामताड़ा रवाना हो गई. दिल्ली पुलिस ने स्थानीय थाने को रेड मारने की सिर्फ सूचना दी, लेकिन किस जगह छापा मरना है, यह नहीं बताया. महज दो घंटे के अंदर पर पुलिस ने दिलवर को धार दबोचा और दिल्ली के लिए रवाना हो गई.
पूछताछ में आरोपी ने किया खुलासा
दिलवर ने खुलासा किया है कि उसने गूगल सर्च पर अलग-अलग बैंक और कंपनियों के फर्जी नंबर अपलोड किए थे. जब किसी ने इन फर्जी कस्टमर केयर नंबर पर कॉल किया, तो उन्होंने उनसे मोबाइल पर एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा और बातों में फंसाकर ऐप की लॉगिन आईडी ले ली.
इसके बाद पीड़ितों से ग्राहक सेवा के 10 रुपये सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए कहते थे. जैसे ही शिकायतकर्ता ने कार्ड डिटेल्स डाली. आरोपी ने ऐप के जरिये एक्सेस लेकर बाकी रकम ट्रांसफर कर ली. दिलवर कुछ समय पहले तक केरल में दर्जी था. ज्यादा पैसा कमाने के लिए वह जामताड़ा वापस आ गया. आरोपी के गैंग में तीन-चार लोग और हैं. पुलिस अब उन तक पहुंचने का प्रयास कर रही है.