Delhi Farmers: एक तरफ जंगली जानवर तो दूसरी ओर प्रदूषण कर रहा फसलें बर्बाद, दिल्ली के किसानों ने सुनाई दास्तां
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Delhi Farmers: एक तरफ जंगली जानवर तो दूसरी ओर प्रदूषण कर रहा फसलें बर्बाद, दिल्ली के किसानों ने सुनाई दास्तां

राजधानी दिल्ली बुराड़ी यमुना खादर में किसानों के ऊपर पड़ी दोहरी मार, एक तरफ जंगल में रहने वाले जंगली जानवर किसानों की फैसले नष्ट कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते हो रही किसानों की फसले प्रभावित हो रही है.

Delhi Farmers: एक तरफ जंगली जानवर तो दूसरी ओर प्रदूषण कर रहा फसलें बर्बाद, दिल्ली के किसानों ने सुनाई दास्तां

Delhi Farmers News: राजधानी दिल्ली बुराड़ी यमुना खादर में किसानों के ऊपर पड़ी दोहरी मार, एक तरफ जंगल में रहने वाले जंगली जानवर किसानों की फैसले नष्ट कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते हो रही किसानों की फसले प्रभावित हो रही है. किसानों का कहना है कि प्रदूषण के चलते फसलों की पत्तियों पर प्रदूषण की  एक परत रात को समय जमती है. आसमान से ओश गिरने से पौधों की पत्तियों पर काले धुंए की परत जम जाती है.  जिसके चलते पौधे ऑक्सीजन नहीं ले पाते और फासले नष्ट हो जाती हैं. हर साल होने वाले फसलों के नुकसान से अब किसान मायूस है.

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते उसका असर लोगों की सांसों पर ही नहीं बल्कि अब किसानों की फसलों पर भी पढ़ रहा है. किसानों का कहना है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते किसानों की फैसले प्रभावित हो रही हैं. किसानों से बताया कि दिनभर आसमान से गिरती स्मॉग की परत पौधों पर जमती है. फिर रात के समय ओस गिरने से पौधों की पत्तियों के तमाम छेद बंद कर देती है. जिससे पौधे ऑक्सीजन व कार्बनडाई ऑक्साइड लेने छोड़ने की प्रक्रिया बन्द कर देते है. जिसे धीरे-धीरे फैसले नष्ट होने लगती हैं. किसानों का कहना है कि उनके ऊपर इस बार दोहरी मार पड़ रही है. एक तरफ दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण किसानों के लिए मुसीबत बन तो वहीं अब बायोडायवर्सिटी पार्क की कोई तारो की बैरिकेडिंग ना होने के चलते जंगली जानवर जैसे नीलगाय , अवारा गाय व कई वन्य जंगली जानवर रात के समय फसलों को बर्बाद कर देते है. जिसके चलते किसान अपने आप को काफी ठगा हुआ महसूस कर रहा है.

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यहां किसानों ने लौकी, तोरी,  गाजर, हरा धनिया, पुदीना, पालक, सरसों, कर्म व पत्ता गोभी जैसी कई सब्जी की फसल लगाई हुई है. जो कि अब दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते प्रभावित होती हुई नजर आ रही हैं. फसलों का रंग हरा है, लेकिन प्रदूषण से प्रभावित होने के बाद इन फसलों का रंग पीला पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि कुछ महीने पहले आई यमुना खादर में बाढ़ के चलते हजारों किसानों की फैसले नष्ट हो गई जिसका मुआवजा सरकार की तरफ से अभी तक किसानों को नहीं मिल पाया है. वहीं किसानों की टूटी हुई कमर अभी सीधी ही नहीं हुई थी तो आसमान से गिरता प्रदूषण किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है. वहीं हर रोज किसानों को फैसले आवारा जानवर खा रहे हैं. जिसकी शिकायत पत्राचार प्रशासनिक अधिकारियों की किसान कर चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है.

फिलहाल आपको बता दें राजधानी दिल्ली में अन्नदाताओं की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब हो रही है. किसानों का कहना है कि पहले आसमानी आपदा से ही फासले खराब होती थी अब हर मौसम में किसानों की फैसले खराब हो रही हैं. जिसके चलते किसानों के ऊपर भारी कर्ज हो रहा है. वह कर्ज उतारने के लिए ही फसल लगाते हैं, लेकिन फसल जब मुनाफा देने वाली होती है. तभी कोई ना कोई किसानों पर मुसीबत आफत बनकर आती है और तमाम उम्मीदों पर पानी फेर कर चली जाती है .

फिलहाल जरूरत है दिल्ली सरकार किसानों की इस गंभीर समस्या पर ध्यान दें और किसानों के ऊपर आ रही मुसीबत का समाधान करते हुए. कोई ऐसा कायदा-कानून बनाए, जिससे किसानों की हो रही फसलों की बर्बादी की भरपाई सही समय पर की जा सके. जिससे किसानों का मनोबल न टूटे और किसान किसी और कारोबार की तरफ अपना रुख न करे. 

Input: नसीम अहमद

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