Arvind Kejriwal: जांच कैसे हो, ये तय करना जांच एजेंसी का काम, मगर कोर्ट के पास है निगरानी का आधिकार
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Arvind Kejriwal: जांच कैसे हो, ये तय करना जांच एजेंसी का काम, मगर कोर्ट के पास है निगरानी का आधिकार

Arvind Kejriwal News: सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जांच कैसे हो, ये तय करना जांच एजेंसी का काम है. मगर कोर्ट के पास जांच की निगरानी का अधिकार है. पुलिस या ज्यूडिशियल रिमांड का कोई आदेश देने से पहले कोर्ट केस डायरी, गवाहों के बयान और दूसरे सबूतो को देख सकता हैं.

Arvind Kejriwal: जांच कैसे हो, ये तय करना जांच एजेंसी का काम, मगर कोर्ट के पास है निगरानी का आधिकार

Arvind Kejriwal News: दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई तक बढ़ी कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत जिनकी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के साथ तीन दिन की हिरासत शनिवार को समाप्त हो गई. केजरीवाल को शराब नीति मामले में बुधवार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने सबूतों से उसका सामना कराने के लिए पांच दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन तीन दिन की रिमांड दे दी गई.

जांच कैसे हो, ये तय करना जांच एजेंसी का काम
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जांच कैसे हो, ये तय करना जांच एजेंसी का काम है. मगर कोर्ट के पास जांच की निगरानी का अधिकार है. पुलिस या ज्यूडिशियल रिमांड का कोई आदेश देने से पहले कोर्ट केस डायरी, गवाहों के बयान और दूसरे सबूतो को देख सकता हैं. हालांकि जांच एजेंसी के पास मौजूद सबूतों की समीक्षा का अधिकार सिर्फ कोर्ट को है. जब तक चार्जशीट दायर नहीं हो जाती, आरोपी को उसके खिलाफ मौजूद मटेरियल की जानकारी नहीं दी जा सकती.

केजरीवाल के खिलाफ केस डायरी
कोर्ट का कहना है कि उसने अपनी संतुष्टि के लिए ज्यूडिशल कस्टडी का आदेश देने से पहले केस डायरी को देखा. केस डायरी के मुताबिक तीन दिनों की सीबीआई कस्टडी के दौरान अरविंद केजरीवाल का सामना इस मामले में गवाहों के बयान और दूसरे दस्तावेजों से कराया गया, लेकिन केजरीवाल ने जांच में कोई सहयोग नहीं दिया. वह सवालों के सीधे-सीधे जवाब देने से बचते रहे और तथ्यों का खुलासा करने में भी उन्होंने सच्चाई नहीं बरती. 

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केस डायरी के मुताबिक जांच के दौरान कई ऐसे अहम सबूत मिले हैं, जिनसे साबित होता है कि गैर कानूनी तरीके से कमाए गए पैसे का इस्तेमाल गोवा में चुनाव प्रचार /एयर टिकट और होटल की बुकिंग करने में किया गया.

जांच अधिकारी ने केस डायरी का हवाला देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल के उन लोगों साथ चैट के सबूत है जो कि हवाला चैनल के जरिए इस पैसे के ट्रांसफर करने में शामिल रहे है. जांच अधिकारी का कहना है कि क्योंकि अरविंद केजरीवाल इन लोगों के साथ अपने संबंध को लेकर पूछे गए सवाल का सीधे-सीधे जवाब देने से बच रहे हैं. लिहाजा इस मामले में आबकारी नीति को लेकर गहरी साजिश की पर्दाफाश के लिए आगे चलकर उन्हें कस्टडी में लेकर पूछताछ करने की जरूरत फिर पड़ सकती है. 

आखिरी में कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बड़ी संख्या में आरोपियों की सहभागिता को देखते हुए केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने का पर्याप्त आधार है. जांच अभी भी जारी है. आगे जांच के दौरान मिलने वाले सबूतों से सामना कराने के लिए आरोपी की कस्टड़ी में पूछताछ की जरूरत हो सकती है. इसलिए अभी कोर्ट जुडिशल कस्टड़ी में भेजने का आदेश दे रहा है. 

Input: Arvind Singh

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