टैक्सपेयर्स की GST की शिकायतें सुनने के लिए बनेगा ट्रिब्युनल
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टैक्सपेयर्स की GST की शिकायतें सुनने के लिए बनेगा ट्रिब्युनल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन चंडीगढ़ में हो रही 47वीं जीएसटी परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रही हैं. GST काउंसिल की बैठक में फैसला लिया गया कि राज्यों को सोने और कीमती पत्थरों की अंतर-राज्यीय आवाजाही के लिए ई-वे बिल जारी करने की मंजूरी दे दी है.

टैक्सपेयर्स की GST की शिकायतें सुनने के लिए बनेगा ट्रिब्युनल

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन चंडीगढ़ में हो रही 47वीं जीएसटी परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रही हैं. दो दिन तक होने वाली इस बैठक के पहले दिन कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. GST काउंसिल ने कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स की दर में बदलाव को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा काउंसिल ने राज्यों को सोने और कीमती पत्थरों की अंतर-राज्यीय आवाजाही के लिए ई-वे बिल जारी करने की भी अनुमति दी है.

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जीएसटी ट्रिब्युनल गठित होने को लेकर पिछले कुछ समय से लगातार चर्चाओं का माहौल गर्म है. 5 साल बाद भी जीएसटी ट्रिब्युनल का गठन अब तक नहीं हो पाया है, लेकिन अब इसे लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आ रही है. मंगलवार यानी आज GST काउंसिल ने जीएसटी ट्रिब्युनल बनाने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है. 

जीएसटी से जुड़े कुछ मामले टैक्सपेयर्स को परेशान करने का काम कर रहे हैं. ऐसे में जीएसटी ट्रिब्युनल के गठन होने से टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलेगी. ट्रिब्युनल के बनने के बाद जीएसटी से जुड़े विवाद को आसानी से निपट सकेंगे. जीएसटी काउंसिल से मंजूरी मिलने के बाद ट्रिब्युनल के गठन के काम में तेजी देखने को मिल सकती है. 

ट्रिब्युनल बनने के बाद जीएसटी विवाद अब ट्रिब्युनल में जाएंगे. Fitment कमेटी की सभी सिफारिशों को जीएसटी काउंसिल ने मंजूरी दे दी है. Tetra Pack/Tetra Packaging पेपर पर GST को 12% से 18%  किया गया है. ट्रिब्युनल बनने से कई आईटम्स के दामों में कमी आने की उम्मीद है.

वहीं इस बैठक में पहले दिन जीएसटी मंत्री समूह (GOM) की टैक्स चोरी रोकने संबंधी रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी है. काउसिंल ने राज्यों के वित्त मंत्रियों की तरफ से पेश अंतरिम रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है.

कर्नाटक के सीएम बसवराज एस बोम्मई की अध्यक्षता वाले जीओएम की रिपोर्ट में कुछ वस्तुओं पर टैक्स छूट खत्म करने समेत स्लैब को तर्कसंगत बनाने से जुड़ी सिफारिशें की गई हैं.

जीओएम ने कई सेवाओं पर जीएसटी छूट समाप्त करने का सुझाव दिया है. इसमें 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराया वाले होटल कमरों पर 12% की दर से टैक्स लगाने की सिफारिश की है. अभी इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है. इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिये 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले कमरों (आईसीयू को छोड़कर) पर 5 % जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है. वहीं जीओएम ने पोस्टकार्ड और अंतर्देशीय पत्र, बुक पोस्ट और 10 ग्राम से कम वजन के लिफाफे को छोड़कर अन्य डाकघर सेवाओं पर टैक्स लगाने की बात कही है.

इस बीच, राजस्व में कमी आने की संभावना से परेशान कई विपक्ष-शासित राज्यों ने मांग की है कि जीएसटी व्यवस्था के तहत राजस्व बंटवारे का फॉर्मूला बदल दिया जाए या फिर मुआवजा प्रणाली को अगले 5 वर्षों के लिए बढ़ाया जाना चाहिए.

जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की केंद्र से भरपाई की मुआवजा प्रणाली 5 साल के लिए लागू की गई थी. यह समयसीमा 30 जून को ही खत्म हो रही है. ऐसी स्थिति में राज्यों को आशंका सता रही है कि उन्हें राजस्व का नुकसान हो सकता है.

जून 2022 से परे राज्यों को मुआवजे के विस्तार और कैसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा बुधवार को होगी.

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