दुनियाभर में 26.9 करोड़ लोग ड्रग्स के शिकार, भारत के आंकड़े भी चौकाने वाले
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दुनियाभर में 26.9 करोड़ लोग ड्रग्स के शिकार, भारत के आंकड़े भी चौकाने वाले

ड्रग्स के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ जागरुक करने के लिए हर साल 26 जून को 'International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking' मनाया जाता है. साल दर साल दुनियाभर में अवैध ड्रग्स के इस्तेमाल और व्यापार दोनों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.

दुनियाभर में 26.9 करोड़ लोग ड्रग्स के शिकार, भारत के आंकड़े भी चौकाने वाले

अभिषेक सांख्यायन/नई दिल्ली: ड्रग्स के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ जागरुक करने के लिए हर साल 26 जून को 'International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking' मनाया जाता है. साल दर साल दुनियाभर में अवैध ड्रग्स के इस्तेमाल और व्यापार दोनों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट (World Drug Report) 2020 के अनुसार 2018 में दुनियाभर में 15 से 64 साल के आयुवर्ग में 26.9 करोड़ लोग ड्रग्स के शिकार हैं. ये आकंड़ा दुनिया के इस आयुवर्ग का कुल जनसंख्या के 5.4 % है.  रिपोर्ट का कहना है कि 2030 तक इस जनसंख्या में लगभग 11% की वृद्धि होगी और यह संख्या 29.9 करोड़ हो जाएगी.

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सबसे ज्यादा हानिकारक ड्रग अफीम
दुनियाभर में गांजा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ड्रग है. वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट 2020 के अनुसार 2019 में दुनियाभर में गांजे का सेवन करने वाले 15 से 64 साल आयुवर्ग के करीब 20 करोड़ लोग है, जो कि इस आयुवर्ग (15-64) में दुनिया का 4% आबादी से ज्यादा है. वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट 2020 के अनुसार 2010 से 2019 के बीच गांजा का इस्तेमाल करने वाले लोगों में 18% की वृद्धि हुई. रिपोर्ट बताती है कि 77 देशों में गांजा का सेवन 42% बढ़ गया है, लेकिन सेहत को सबसे ज्यादा नुक्सान पहुंचाने वाले ड्रग्स में इसका नाम नहीं है. दुनिया का सबसे ज्यादा हानिकारक ड्रग ओपिओइड यानी अफीम है. अफीम को इस्तेमाल करने वाले 58 % लोग एशिया में रहते है.

ड्रग्स के लिए भारत एक बड़ा बाजार
भारत में भी ड्रग्स का धंधा बढ़ता जा रहा है. इसकी एक प्रमुख वजह भारत की ड्रग्स के बड़े उत्पादक देशों की साथ सीमा लगना है. भारत दुनिया में दो प्रमुख अवैध अफीम उत्पादन क्षेत्रों- पश्चिम में गोल्डन क्रीसेंट और पूर्व में गोल्डन ट्रायंगल के बीच स्थित है. गोल्डन क्रीसेंट क्षेत्र में अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान देश शामिल हैं. वहीं गोल्डन ट्रायंगल में भारत के पूर्व में स्थित देश म्यांमार, लाओस और थाईलैंड शामिल हैं. भारत इन पड़ोसी देशों के साथ सीमा साझा करता है. रुक और मेकांग नदियों के संगम पर स्थित इन देशो की सीमाएं जहां लगती हैं, उस क्षेत्र को स्वर्णिम त्रिभुज या गोल्डन ट्रायंगल कहा जाता है. भारत के यह सभी पड़ोसी मुल्क भारी मात्रा में ड्रग्स का उत्पादन करते है. ड्रग्स के लिए भारत न केवल ट्रेड रुट है, बल्कि एक बड़ा बाजार भी बन चुका है.

3 करोड़ लोग करते है भांग का नशा
सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय के द्वारा साल 2019 में AIIMS के जरिए करवाए गए एक सर्वे में पाया गया कि भारत में 10 साल से 75 साल के बीच की 2.8 % आबादी लगभग 3 करोड़ लोग भांग के पौधे का किसी न किसी रुप में उपयोग करते हैं. देश के पुरुषों में इसके प्रचलन को अलग अलग देखा जाए तो पुरुषों में 5% और महिलाओं में 0.6 % इसका सेवन करते हैं.

7 लाख किलो गांजा हो चुका बरामद
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की 2020 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा मात्रा में जब्त किया जाने वाला ड्रग गांजा ही है. साथ ही भारत सबसे ज्यादा गांजे का सेवन करने वाले देशों में भी शामिल है. भारत में पिछले 4 सालों में लगभग 7 लाख किलो गांजा बरामद किया जा चुका है. यह अन्य पदार्थों की तुलना में काफी अधिक है. केवल 2021 की बात करें तो देश में 58 हजार किलो गांजा बरामद किया गया जो कि सभी जब्त किए ड्रग्स का लगभग 95% हैं.

60 हजार एकड़ से ज्यादा गांजे की खेती की नष्ट
बीते सालों में ड्रग्स की अवैध खेती में बढ़ोतरी हुई है. जहां एक तरफ गांजे के इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर देश में गांजे की अवैध खेती में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है. नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की 2020 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार पिछले चार साल में 60 हजार एकड़ से ज्यादा में गांजे की खेती को सरकारी एजेंसियों ने नष्ट किया है. 2017 की तुलना में 2020 में नष्ट की गई फसल 2.5 गुना ज्यादा है.

2 लाख से ज्यादा लोग हुए गिरफ्तार
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की 2020 की वार्षिक रिपोर्ट में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार 2017 से 2020 के बीच ड्रग्स से संबंधित मामलों में 2 लाख से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. गिरफ्तार हुए लोगों में विदेशी भी शामिल है. 2017 से 2020 के बीच ड्रग्स से संबंधित मामलों में 1400 से ज्यादा विदेशी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

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