दिल्ली: बसों में नहीं बैठ सकेंगे 20 से ज्यादा यात्री, नियम ना मानने पर मिलेगी ये सजा
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दिल्ली: बसों में नहीं बैठ सकेंगे 20 से ज्यादा यात्री, नियम ना मानने पर मिलेगी ये सजा

यदि बस में 20 से अधिक यात्रियों के बैठने की शिकायत मिलती है, तो चालक, परिचालक और मार्शल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (coronavirus) और लॉकडाउन दोनों ही जनता को प्रभावित कर रहे हैं. ऐसे में जनता को राहत देने के लिए परिवहन सेवाओं को शुरू किया गया है.दिल्ली में शुरू की गई परिवहन सेवा में वाहन चालकों को सरकार के आदेशों का कड़ाई से पालन करना होगा. आदेशों का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि बसों में 20 से अधिक यात्री नहीं बैठ सकते हैं. यदि 20 से अधिक यात्री बैठ जाते हैं, तो चालक बस नहीं चलाएगा. चालक, परिचालक और मार्शल अतिरिक्त सवारी से नीचे उतरने के लिए अनुरोध करेंगे और फिर भी वे नहीं नीचे उतरते हैं, तो पुलिस की मदद ली जाएगी. यदि बस में 20 से अधिक यात्रियों के बैठने की शिकायत मिलती है, तो चालक, परिचालक और मार्शल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 

  1. दिल्ली में बसों में नहीं बैठ सकेंगे 20 से ज्यादा यात्री
  2. यदि 20 से अधिक यात्री बैठ जाते हैं, तो चालक बस नहीं चलाएगा
  3. नियम ना मानने पर होगी कड़ी कार्रवाई

परिवहन मंत्री ने उम्मीद जताई कि धीरे-धीरे सड़क पर डीटीसी और क्लस्टर की सभी बसें उतर जाएंगी. कल करीब 3400 बसें सड़कों पर उतारी गई थीं. अगले एक-दो दिन में परिवहन सेवा समान्य हो जाएगी. 

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परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि देश के अलग-अलग प्रदेशों के रहने वाले प्रवासी मजदूर, जो अपने मूल प्रदेश जा रहे हैं, उनको रेलवे स्टेशनों तक पहुंचाने के लिए आज भी डीटीसी की काफी बसें लगी हुई है. कल करीब 1 हजार बसें प्रवासियों को रेलवे स्टेशनों तक छोड़ने में लगी हुईं थी. आज भी करीब 1200 बसें रेवेन्यू विभाग ने अधिग्रहित किया है. इसके अलावा 400-500 बसों को पुलिस विभाग अलग-अलग जगहों के लिए अधिग्रहित करता है. यदि हम हायर की गई स्पेशल बसों को मिला कर लें, तो कल करीब 3400 बसें सड़कों पर थीं. मुझे लगता है कि ट्रेन का तीन-चार दिन और शेड्यूल है. इसके बाद बसों की संख्या बढ़ेगी. वहीं, क्लस्टर की बसें काफी हद तक बढ़ कर सड़क पर उतरी हैं. हरियाणा और यूपी के अलग-अलग जगहों पर ड्राइवर और कंडक्टर फंसे हुए थे, उन्होंने कल के मुकाबले आज अधिक संख्या में उपस्थिति दर्ज कराई है. मुझे उम्मीद है कि एक-दो दिन में काफी हद तक स्थिति समान्य हो जाएगी. प्रतिदिन बसों से सफर करने वाली सवारियों के लिए कल करीब 2 हजार बसें थीं और 1400 बसें स्पेशल हायर की थीं. 

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दिल्ली सरकार पूरी तरह से गंभीर है. हमारी पूरी कोशिश है कि बसों में सिर्फ 20 यात्री ही रहें. बस चालक, परिचालक और मार्शल को कड़े निर्देश हैं कि यदि 20 से अधिक यात्री बस में आ जाते हैं, तो वे बस नहीं चलाएंगे. इससे पहले वे यात्री से अनुरोध करेंगे कि वे बस से नीचे उतर जाएं. यदि नहीं नीचे उतरते हैं, तो 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुलाने का निर्देश दिया गया है. जब तक वे नहीं उतरते हैं, तब तक बस नहीं चलाएंगे. 

परिवहन मंत्री ने कहा कि यदि शिकायत मिलती है कि बस में 20 से अधिक सवारी बैठाई जा रही है, तो चालक, परिचालक और मार्शल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली सरकार बार-बार निर्देश दे रही है कि कार में दो सवारी और बाइक पर सिर्फ एक व्यक्ति चल सकता है. मुझे लगता है कि इसमें लोगों का भी सहयोग बहुत जरूरी हैय फिर भी यदि लोग सरकार के आदेशों का पालन नहीं करते हैं, तो सभी के स्वास्थ्य की सुरक्षा को देखते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने नई एसओपी को लाए जाने पर कहा कि सरकार का जो डिजॉस्टर का आदेश है, उसको विस्तार दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमने थर्मल स्कैनिंग के लिए थर्मल गन्स का ऑर्डर दे दिया है, उसे प्राप्त करने में तीन-चार दिन लगेंगे. हालांकि हमारे पास पहले से ही कुछ गन्स हैं. जिन टर्निमल या बस स्टाप पर अधिक व्यस्तता रहती है, उनमें से कुछ स्थानों पर थर्मल स्कैनिंग शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों को पता है कि अलग-अलग स्थानों पर पका हुआ खाना और राशन बांटा जा रहा है या फिर प्रवासियों के लिए बनाए गए राहत केंद्र हैं, उन सभी स्थानों पर सिविल डिफेंस के वालेंटियर अहम भूमिका निभा रहे हैं. वहीं, क्लस्टर और डीटीसी की बसों में लगाए गए अधिकांश मार्शल रेवेन्यू विभाग में अधिग्रहित किए गए हैं. चूंकि अब हमारी बसें चल रही हैं, इसलिए रेवेन्यू विभाग से वापस देने के लिए कहा गया है. इसके अलावा कुछ और मार्शल को भर्ती करने की जरूरत पड़ती है, तो हम भर्ती करेंगे.

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