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DNA With Sudhir Chaudhary: अब हम आपको लखनऊ से 16 साल के ऐसे लड़के की कहानी बताएंगे, जिसने वीडियो गेम खेलने की लत की वजह से अपनी मां की हत्या कर दी. इस लड़के की मां उसे अक्सर वीडियो गेम खेलने से रोकती थी. जिससे इस लड़के ने परेशान होकर इतना बड़ा कदम उठा लिया. इसी तरह हैदराबाद के भी 16 साल के एक लड़के ने वीडियो गेम का शौक पूरा करने के लिए अपनी मां के Bank Account से 36 लाख रुपये निकाल लिए. हो सकता है कि आपके परिवार में भी ऐसा कोई युवा हो, जो वीडियो गेम के नशे का शिकार हो चुका हो. इसलिए आज ये खबर देश के हर परिवार को देखनी चाहिए.
लखनऊ में जिस लड़के ने अपनी मां की हत्या की, वो दिन में 12-12 घंटे अपने Smart Phone पर ऑनलाइन गेम खेलता था. और इस दौरान वो खुद को एक कमरे में बन्द कर लेता था, ताकि उसे कोई Games खेलने से ना रोक सके. इस लड़के का हर रोज इसके परिवार के साथ झगड़ा होता था क्योंकि वो इसे ऑनलाइन Games खेलने से रोकते थे. कई बार इस लड़के से उसका मोबाइल फोन भी छीनने की कोशिश की गई लेकिन उसने घर छोड़कर जाने की धमकी दी, जिसके बाद उसे उसका मोबाइल फोन लौटाना पड़ा. इसके बाद 16 साल का ये लड़का अपनी मां से इतना परेशान हो गया, उसने अपनी मां को ही मार डाला. दो दिन तक उसने अपनी मां के शव को घर में छिपा कर रखा.
इस खबर से आप अन्दाजा लगा सकते हैं कि ऑनलाइन गेमिंग की लत ने कितनी गम्भीर स्थिति पैदा कर दी है. इसी तरह हैदराबाद में 16 साल के एक लड़के को Free Fire Game खेलने का शौक था. वो इस Game के Advance Level पर पहुंचना चाहता था, जिसके लिए उसने अपनी मां के Bank Account से 36 लाख रुपये निकाल लिए. इस लड़के के परिवार को पहले ऐसा लगा कि उनके साथ कोई Bank Fraud हुआ है. लेकिन जब ये मामला पुलिस के पास पहुंचा और सभी Transactions की जांच की गई तो पता चला कि ये लड़का हर Game के Next Level पर जाने के लिए डेढ़ से दो लाख रुपये तक खर्च कर रहा था. इस तरह उसने धीरे धीरे 36 लाख रुपये बर्बाद कर दिए.
Online Gaming की वजह से अब हमारे देश के बच्चे अपने ही घरों में चोरियां कर रहे हैं, अपने माता पिता के बैंक अकाउंट्स से पैसा निकाल रहे हैं और हत्या और किडनैपिंग जैसी वारदात को भी अंजाम दे रहे हैं. ये सबकुछ Online Gaming की वजह से हो रहा है. वैसे तो केन्द्र सरकार ने भारत में पबजी गेम को बैन कर दिया था. लेकिन अब दक्षिण कोरिया की एक कंपनी ने इस Game को बदले हुए नाम के साथ भारत में Launch कर दिया है और बच्चे इसका तेजी से शिकार बन रहे हैं. इस Game को Free Fire कहते हैं.
भारत की 41 प्रतिशत आबादी 20 साल से कम उम्र के बच्चों की है. और इन बच्चों को Online Gaming Apps की लत ने बुरी तरह जकड़ा हुआ है. वर्ष 2020 में हुए एक सर्वे में 20 साल से कम उम्र के 65 प्रतिशत बच्चों ने माना था कि वो Online Games खेलने के लिए खाना और नींद तक छोड़ने के लिए तैयार हैं. बहुत सारे बच्चे तो इसके लिए अपने Parents का पैसा तक चुराने के लिए तैयार हैं.
एक समय था, जब बच्चे स्कूल से आकर दोस्तों के साथ खेलने जाते थे. शायद आप भी अपने बचपन में स्कूल से आने के बाद या छुट्टी वाले दिन Parks में खेले गए होंगे. उस समय गिल्ली डंडे का खेल होता था, Hide and Seek का खेल था, खोखो, कबड्डी और रस्साकशी जैसे खेल होते थे. इसके बाद समय बदला और बच्चे स्कूलों में होने वाली Activities तक सीमित हो गए. आज बच्चों के लिए उनका लैपटॉप, कम्प्यूटर और मोबाइल फोन ही नया Playground बन गया है.
इस समय हमारे देश के बच्चे एक दिन में औसतन 218 मिनट Online Games खेलते हैं. पहले ये 24 घंटे में औसतन 151 मिनट था. वर्ष 2020 में जब पहली बार Lockdown लगा था, तब इसके शुरुआती कुछ महीनों में भारत में 700 करोड़ से ज्यादा बार Online Games अलग-अलग Digital Devices पर Install किए गए थे. वर्ष 2018 में भारत में Online Games खेलने वालों की संख्या 26 करोड़ 90 लाख थी, जो इस साल के अंत 51 करोड़ हो जाएगी. 2019 में भारत में Online Gaming Industry 8 हजार 300 करोड़ रुपये थी लेकिन ये Industry भी इस साल 21 हजार करोड़ रुपये हो जाएगी. बड़ी बात ये है कि दुनिया में Global Box Office कलेक्शन यानी फिल्मों का कारोबार 3 लाख 23 हजार करोड़ रुपये का है. जबकि Global Mobile Gaming Industry साढ़े 15 लाख करोड़ रुपये है.
हमारे देश में भले इस समस्या को ज्यादा गम्भीर नहीं माना जाता. माता पिता भी इसे ज्यादा गम्भीरता से नहीं लेते. लेकिन आप इसे ऐसे समझिए कि Online Games बच्चों को शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से बर्बाद कर रहे हैं.
- इससे बच्चों में मोटापे की समस्या बढ़ रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक कोविड के बाद भारत में बच्चों का वजन सामान्य से चार से पांच किलोग्राम बढ़ा है. इसकी वजह ये है कि Online Gaming के लिए आपको कहीं जाना नहीं होता. आप दिनभर एक जगह बैठकर ये Games खेल सकते हैं
- इससे बच्चों की आंखों पर भी असर पड़ रहा है.
- बच्चों का Sleep Pattern बिगड़ गया है और वो अब इसकी वजह से कम नींद ले रहे हैं.
- बच्चों को भूख कम लग रही है.
- एक अध्ययन में ये भी पता चला है कि जो बच्चे Online Games खेलते हैं, उनका दूसरी गतिविधियों में मन नहीं लगता. यानी वो अपने माता पिता से बात करना कम कर देते हैं, अलग-थलग रहने लगते हैं और पढ़ाई से भी उनका मोहभंग हो जाता है.
- Online Gaming Apps एक Addiction यानी लत की तरह है. अगर किसी बच्चे को इसकी लत लग जाए तो उसके लिए ये समझना मुश्किल हो जाता है कि वो क्या सही कर रहा है और क्या गलत कर रहा है.
- जैसे हर खेल में हार जीत होती है, ठीक वैसा ही Online Games में भी होता है. लेकिन इसमें क्योंकि पैसा लगा होता है इसलिए हारने पर बच्चे चिढ़चिढ़े होने लगते हैं और छोटी उम्र से ही उनके डिप्रेशन में जाने का खतरा रहता है.
- इसके अलावा Online Games में इतनी हिंसा होती है कि इससे बच्चे हिंसा के प्रति आकर्षित हो जाते हैं.
अब आप ये समझिए कि आपको कैसे पता चलेगा कि आपका बच्चा भी Online Gaming के नशे का शिकार हो गया है.
- अगर आपका बच्चा अपनी Online गतिविधियों को आपसे छिपाने लगे तो आपको सावधान हो जाना चाहिए.
- बच्चा अचानक से जरूरत से ज्यादा समय इंटरनेट पर बिताने लगे तो भी सावधान हो जाएं .
- आपके द्वारा पूछने पर बच्चा अगर अचानक से अपने Digital Device की Screen बदल दे तो समझ जाएं कि वो कुछ ऐसा कर रहा है जो उसे नहीं करना चाहिए .
- अगर आपका बच्चा इंटरनेट इस्तेमाल करने के बाद अचानक चिड़चिड़ा हो जाए, तो ये इशारा है कि कुछ गड़बड़ है.
भारत चाहे तो आज चीन से काफी कुछ सीख सकता है. भारत की तरह चीन भी ऑनलाइन गेमिंग का एक बहुत बड़ा बाजार है लेकिन पिछले साल चीन की सरकार ने वहां के बच्चों को इसके नशे से बचाने के लिए नए नियम बना दिए थे, जिसके मुताबिक चीन की Online Gaming कंपनियों को ये सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे एक हफ्ते में केवल 3 घंटे के लिए ही Online Game खेल पाएं. जो कंपनियां ऐसा नहीं करेंगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हमें लगता है कि भारत में भी इस पर कड़े नियम बनाने की जरूरत है.
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— Zee News (@ZeeNews) June 8, 2022