'बच्चे के साथ खेल रहे थे दलाई लामा', PIL दाखिल करने वालों को कोर्ट ने जमकर सुनाया
Advertisement
trendingNow12328539

'बच्चे के साथ खेल रहे थे दलाई लामा', PIL दाखिल करने वालों को कोर्ट ने जमकर सुनाया

Dalai Lama Viral Video:  कोर्ट ने कहा, 'हमने वीडियो देखी है और जो भी हुआ सभी लोगों के सामने हुआ. नाबालिग बच्चा दलाई लामा को गले लगाना चाहता था. अगर एक बड़े नजरिए में इस वीडियो को देखें तो दलाई लामा बच्चे के साथ खेलने की और उसे हंसाने की कोशिश कर रहे थे. इसे तिब्बती कल्चर के संदर्भ में भी देखा जा सकता है.'

'बच्चे के साथ खेल रहे थे दलाई लामा', PIL दाखिल करने वालों को कोर्ट ने जमकर सुनाया

Dalai Lama Case: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली है. एक याचिका में उनके खिलाफ एक बच्चे को किस करने को लेकर यौन उत्पीड़न के मामले में एक्शन लेने की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया है. कोर्ट ने माना कि दलाई लामा बच्चे के साथ खेल रहे थे. 

कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेदेला की बेंच ने कहा कि बच्चा दलाई लामा को गले लगाना चाहता था और लामा बच्चे के साथ खेलने की कोशिश कर रहे थे.

एनजीओ के एक कन्फेडरेशन की ओर से दाखिल पीआईएल को ठुकराते हुए कोर्ट ने कहा, 'हमने वीडियो देखी है और जो भी हुआ सभी लोगों के सामने हुआ. नाबालिग बच्चा दलाई लामा को गले लगाना चाहता था. अगर एक बड़े नजरिए में इस वीडियो को देखें तो दलाई लामा बच्चे के साथ खेलने की और उसे हंसाने की कोशिश कर रहे थे. इसे तिब्बती कल्चर के संदर्भ में भी देखा जा सकता है.'

क्या है मामला?

दरअसल, अप्रैल 2023 में दलाई लामा के एक वीडियो को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. जब वह धर्मशाला के त्सुगलाखांग मंदिर में एक बच्चे से मुलाकात कर रहे थे. इसी जगह पर निर्वासित तिब्बती सरकार के नेता और दलाई लामा रहते हैं. वीडियो में नजर आ रहा है कि दलाई लामा मंच पर बैठे हुए हैं और वह बच्चे को अपने पास बुलाते हैं. इसके बाद बच्चे ने उनको गले लगाने से पहले किस किया.  फिर लड़के ने पूछा कि क्या वह दलाई लामा को चूम सकता है, जिसके बाद नेता को यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'तुम मेरी जीभ भी चूस सकते हो'. इस वीडियो के वायरल होने के बाद काफी हंगामा मचा था. इसके बाद दलाई लामा के दफ्तर ने माफी के साथ इस पर सफाई जारी की थी. बयान में कहा गया था, 'दलाई लामा अकसर लोगों के साथ खेल-खेल में मजाक करते हैं चाहे वह कैमरों के सामने हो या फिर पीछे. उनको इस घटना का खेद है.'

'यह सिस्टम का मजाक है'

एडवोकेट नूपुर सिंघल की तरफ से दाखिल की गई इस एफआईआर में कहा गया कि जिस तरह से तिब्बती धर्मगुरु ने बच्चे को गले लगाया और किस किया वह अनुचित, अपर्याप्त और अनुपयुक्त था. यह पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत एक अपराध है.  उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन बच्चे के अधिकारियों की रक्षा करने और उसे यौन उत्पीड़न से बचाने में नाकामयाब रहे और इस कारण से पूरे सिस्टम का मजाक बन गया. 

कोर्ट बोला-क्या ये कोई जनहित याचिका है?

इस पर कोर्ट ने नाखुशी जताई और कहा, 'जो हुआ सभी के सामने हुआ. यह कोई पूर्व नियोजित बात नहीं है. इस सब में क्यों पड़ना? यह कोई जनहित याचिका (पीआईएल) नहीं है जिस पर हम विचार करेंगे. सरकार इसकी जांच करेगी. हम इसमें नहीं पड़ना चाहते. बड़ी संख्या में ऐसे गुरु हैं जो लोगों को लात भी मारते हैं. हम क्या करें? यह हमारा अधिकार क्षेत्र नहीं है. हम इसमें नहीं पड़ सकते.'

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news