LG Vs AAP: मानहानि मामले में आप नेताओं को झटका, हाईकोर्ट ने दिल्ली के LG के हक में दिया ये फैसला
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LG Vs AAP: मानहानि मामले में आप नेताओं को झटका, हाईकोर्ट ने दिल्ली के LG के हक में दिया ये फैसला

Delhi HC on Corruption Allegations: एलजी ने आप और उसके पांच वरिष्ठ नेताओं संजय सिंह, आतिशी मलेर्ना, सौरभ भारद्वाज, जैस्मीन शाह और दुर्गेश पाठक को बैन करने के लिए अस्थायी निषेधाज्ञा की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

LG Vs AAP: मानहानि मामले में आप नेताओं को झटका, हाईकोर्ट ने दिल्ली के LG के हक में दिया ये फैसला

Setback For Aam Aadmi Party: आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मानहानि मुकदमे में दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल के हक में फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने मंगलवार पक्ष में एक अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश पारित किया. एलजी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. 

आप नेताओं ने सक्सेना पर नोटबंदी के दौरान भ्रष्ट आचरण करने का आरोप लगाया था. जस्टिस अमित बंसल ने आदेश में कहा, 'मैंने वादी के पक्ष में एक अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश पारित किया और निर्देश दिए हैं.' इससे पहले 22 सितंबर को इस मामले में आदेश सुरक्षित रखा गया था.

कोर्ट गए थे आप नेता

एलजी ने आप और उसके पांच वरिष्ठ नेताओं संजय सिंह, आतिशी मलेर्ना, सौरभ भारद्वाज, जैस्मीन शाह और दुर्गेश पाठक को बैन करने के लिए अस्थायी निषेधाज्ञा की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. पिछली सुनवाई में एलजी के वकीलों ने कहा कि आप नेताओं के ट्वीट और प्रेस कॉन्फ्रेंस, जो व्यापक रूप से रिपोर्ट किए गए हैं, 'अपमानजनक' और 'दुर्भावनापूर्ण' थे और एक बड़े संवैधानिक पदाधिकारी के खिलाफ थे. अगस्त में आप ने उपराज्यपाल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष के रूप में सत्ता के घोर दुरुपयोग के अलावा, नोटबंदी के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे.

आतिशी ने लगाए थे ये आरोप

मीडिया के सामने आतिशी मालेर्ना ने कहा था कि खादी ग्रामोद्योग के दो कैशियर ने सक्सेना के खिलाफ गवाही दी है. उन्होंने कहा था, 'उनके खिलाफ जांच का आदेश क्यों नहीं दिया गया? आप केंद्र सरकार और सीबीआई से वीके सक्सेना के 1,400 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में जांच करने की मांग करती है. यह मनी लॉन्ड्रिंग का एक क्लियर केस है, ईडी को जांच करनी चाहिए और उनके दफ्तरों और आवासों पर छापेमारी करनी चाहिए.'

'वो काला धन था'

आतिशी ने मीडिया को बताया था, 'केवीआईसी के दो कैशियर संजीव कुमार और प्रदीप यादव ने विभिन्न जांच समितियों को बयान दिया है. कैशियर के लिए काले धन को सफेद में बदलना संभव नहीं है, क्योंकि उनके पास बहुत छोटे पद हैं. कैशियर के लिए भी बयान देना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने लिखित बयान दिया है कि उन पर तत्कालीन अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने पुराने नोटों को बदलने के लिए दबाव डाला था, जो मूल रूप से काला धन था.'

पार्टी के अन्य नेताओं और आप ने भी मामले की सीबीआई और ईडी जांच की मांग की थी और उपराज्यपाल की गिरफ्तारी की मांग की थी. इससे पहले उपराज्यपाल ने आरोपों पर उन्हें कानूनी नोटिस भेजा था.

(इनपुट-IANS)

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