Who kill tipu sultan: कर्नाटक में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन चुनावों से पहले बीजेपी कांग्रेस और जेडीएस के खेमे में सेंधमारी की तैयारी कर रही है. अभी तक माना जाता रहा है कि वोक्कालिगा समाज के लोग कांग्रेस और जेडीएस को अपना समर्थन देते आए हैं.
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में टीपू सुल्तान का मुद्दा गर्म हो गया है. यहां सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि टीपू सुल्तान को दो सरदारों ने मार गिराया था. जबकि धर्मगुरु और इतिहासकारों ने इस दावे को गलत बताया है. हालांकि, बीजेपी अपने दावे से पीछे हटने के मूड में नजर नहीं आ रही. वो इस दांव से प्रदेश के शक्तिशाली वोक्कालिगा वर्ग के वोट को साधना चाहती है. बीजेपी का कहना है कि टीपू सुल्तान को दो वोक्कालिगा नेताओं ने मार गिराया था. दावे के मुताबिक ये नेता थे उरी गौडा और नानजे गौडा. इसे चुनावी मुद्दा बनाने पर अड़ी बीजेपी लोगों तक ये मैसेज पहुंचाने के लिए सारे दांवपेच इस्तेमाल करने पर उतारु है.
प्रदेश के बीजेपी नेता सीटी रवि, गोपालैया, राष्ट्रीय महासचिव व सरकार में मंत्री अश्वथ नारायण का नाम उन नेताओं में शामिल हैं जो इस दावे को हवा दे रहे हैं कि टीपू सुल्तान अंग्रेजों से लड़ाई में नहीं मारे गए थे बल्कि उन्हें वोक्कालिगा के दो सरदारों ने मार गिराया था. स्थानीय नेता ही नहीं बल्कि केंद्र में मंत्री शोभा करंदलजे भी इस दावे के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं. इनका कहना है कि उरी गौडा और नानजे गौडा को लेकर ऐतिहासिक सबूत मौजूद हैं.
बीजेपी ने क्यों उठाया ये मुद्दा?
दरअसल, राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन चुनावों से पहले बीजेपी कांग्रेस और जेडीएस के खेमे में सेंधमारी की तैयारी कर रही है. अभी तक माना जाता रहा है कि वोक्कालिगा समाज के लोग कांग्रेस और जेडीएस को अपना समर्थन देते आए हैं. कांग्रेस और जेडीएस का ये कहना है कि वोक्कालिगा समाज के बताए जाने वाले दोनों नेताओं (उरी गौडा और नानजे गौडा) का ऐतिहासिक तौर पर कोई अस्तित्व नहीं रहा. हो सकता है ये पूर्ण रूप से काल्पनिक हों.
इस विवाद को और हवा देने के लिए इस मुद्दे पर फिल्म बनाने का ऐलान भी कर दिया गया है. राज्य के मंत्री और फिल्म प्रोड्यूसर रहे मुनिरत्ना ने इस मुद्दे पर फिल्म बनाने का ऐलान किया है. हालांकि, इस पूरे मुद्दे पर श्री आदिचुंचनगिरी महासंस्थान मठ के प्रमुख पुजारी निर्मलानंदनाथ महास्वामीजी ने कहा कि इस मुद्दे के साक्ष्य नहीं है, इसलिए इस पर फिल्म नहीं बनाया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने साक्ष्यों की कमी को आधार बताते हुए इस मुद्दे को खत्म करने की बात कही.
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