Delhi Jal Board: 'पानी के गलत बिल आ रहे हैं तो मत भरो, फाड़ कर फेंक दो', जनता को कहकर बीजेपी पर बरसे CM केजरीवाल
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Delhi Jal Board: 'पानी के गलत बिल आ रहे हैं तो मत भरो, फाड़ कर फेंक दो', जनता को कहकर बीजेपी पर बरसे CM केजरीवाल

दिल्ली में पानी के बढ़े हुए बिल से ज्यादातर लोग परेशान हैं. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से भरोसा दिलाया कि विश्वास दिलाया कि जल्द ही इस मुद्दे पर समाधान किया जाएगा. उन्होंने बोला कि इसके लिए जरुरत पड़ी तो जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल पर भी बैठेंगे.

Delhi Jal Board: 'पानी के गलत बिल आ रहे हैं तो मत भरो, फाड़ कर फेंक दो', जनता को कहकर बीजेपी पर बरसे CM केजरीवाल

दिल्ली में पानी के बढ़े हुए बिल से ज्यादातर लोग परेशान हैं. बहुत से लोग इसे ठीक कराने के लिए जल बोर्ड के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं. इस सिलसिले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के कुछ परिवारों से मुलाकात की. शनिवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल और जल मंत्री आतिशी ने साउथ ईस्ट दिल्ली के गोविंदपुरी में रहने वाले परिवारों से मिलकर उन्हें विश्वास दिलाया कि जल्द ही इस मुद्दे पर समाधान किया जाएगा. इन परिवारों का दावा है कि इनके उनका पानी का बिल अधिक आ रहा है. 

जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल पर भी बैठेंगे

केजरीवाल ने गोविंदपुरी के निवासियों से कहा कि हम बढ़े हुए पानी के बिल की समस्या करीब से देख रहे हैं और इसके समाधान के लिए हमने एक योजना भी बनाई है. बता दें कि उस स्कीम का नाम एकमुश्त समाधान योजना है. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसे लागू करने में इसलिए देरी हो रही है क्योंकि भाजपा हमारे लिए रुकावट पैदा कर रही है. उन्होंने कहा कि चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े मैं ये स्कीम लागू करवा के छोडूंगा, भले ही मुझे इसके लिए भूख हड़ताल ही क्यों न करना पड़े?

 

...बिल फाड़ कर फेक दो

सीएम केजरीवाल ने बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा, "जिनके भी बिल गलत आ रहे हैं, भरने की जरूरत नहीं है फाड़ कर फेंक दो, मैं ठीक करा दूंगा". उन्होंने कहा कि जिनके गलत बिल आए हैं उनके पिछले 5 सालों में से दो सही रीडिंग का एवरेज लिया जाएगा और उसी के हिसाब बाकी महीने का बिल भरना होगा.

20,000 रुपये से कम बिल होगा माफ

जब मुख्यमंत्री गोविंदपुरी पहुंचे तो वहां के लोग पानी के बिल को लेकर सड़कों पर जुटे हुए थे. केजरीवाल ने कहा, ‘जिनके छोटे मकान हैं, उनके भी लाखों रुपये के बिल आये हैं. यह समस्या (कोविड-19) महामारी के दौरान शुरू हुई क्योंकि उस समय मिटर रीडर कई महिने तक रीडिंग लेने ही नहीं गए और दफ्तर में ही बैठकर फर्जी रिडिंग भर दी.’ आगे मुख्यमंत्री ने आंकड़े बताते हुए कहा कि‘लगभग 11 लाख ऐसे परिवार हैं जिनके बढ़े हुए बिल आये हैं, जल्द ही उनके बिल का समाधान किया जाएगा और जो बिल 20,000 रुपये से कम के हैं, उन्हें माफ कर दिया जाएगा.’

क्यों रुक रही है ये योजना

मुख्यमंत्री ने 22 फरवरी को एकमुश्त समाधान योजना पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने इस योजना को कथित तौर पर रोके जाने को लेकर भाजपा के खिलाफ विधानसभा में विरोध किया था, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी थी. आप विधायकों ने सदन में 'बढ़े हुए' पानी के बिल की कॉपी फाड़ दिया था. बाद में उन्होंने विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के पास बिल की कॉपी भी जलाई थी. आप का आरोप है कि दिल्ली सरकार की एकमुश्त समाधान योजना इसलिए अटक गयी है क्योंकि शहरी विकास सचिव, मंत्रिपरिषद के सामने इस प्रस्ताव को पेश करने से 'मना' कर रहे हैं.

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