Maratha Reservation: मुख्यमंत्री शिंदे का बड़ा ऐलान- मराठा आरक्षण पर चर्चा के लिए फरवरी में बुलाया जाएगा विशेष सत्र
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Maratha Reservation: मुख्यमंत्री शिंदे का बड़ा ऐलान- मराठा आरक्षण पर चर्चा के लिए फरवरी में बुलाया जाएगा विशेष सत्र

Maharashtra News: ​मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में कहा, 'सुप्रीम कोर्ट में एक सुधारात्मक याचिका के माध्यम से आशा की किरण पैदा हुई है. 

 

Maratha Reservation: मुख्यमंत्री शिंदे का बड़ा ऐलान- मराठा आरक्षण पर चर्चा के लिए फरवरी में बुलाया जाएगा विशेष सत्र

Maratha Reservation News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा कि फरवरी 2024 में मराठा आरक्षण पर चर्चा के लिए एक विशेष सत्र बुलाया जाएगा. उन्होंने आश्वासन दिया कि मराठा समुदाय को आरक्षण देते समय किसी अन्य समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा, 'सुप्रीम कोर्ट में एक सुधारात्मक याचिका के माध्यम से आशा की किरण पैदा हुई है. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से हम यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि मराठा समुदाय पिछड़ा है. पूरा सिस्टम उनकी मदद कर रहा है.'

'एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपेगा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग'
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, 'राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा जिसके बाद इसकी समीक्षा की जाएगी. मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए फरवरी में विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाकर आवश्यकतानुसार मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाएगा.'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि मराठा समुदाय को आरक्षण देते समय किसी अन्य समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं किया जाएगा. यह हमारी जिम्मेदारी है कि मराठा समुदाय को ओबीसी समुदाय के आरक्षण को छुए बिना कानून के ढांचे के भीतर स्थायी आरक्षण दिया जाए.'

जरांगे के नेतृत्व में चल रहा है राज्य में मराठा आरक्षण आंदोलन
बता दें महाराष्ट्र में शिवबा संगठन के संस्थापक, कार्यकर्ता मनोज जारांगे-पाटिल के नेतृत्व में मराठा समुदाय को आरक्षण देने का आंदोलन चर रहा है. जरांगे मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर अगस्त-सितंबर में और फिर अक्टूबर में दशहरे के बाद भूख हड़ताल पर बैठे थे. उन्होंने मराठा समुदाय के लिए कुनबी प्रमाण पत्र मांगा था, कुनबी राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का हिस्सा हैं.

जरांगे ने दो नवंबर को अपना दूसरा अनशन समाप्त करते हुए मराठों को आरक्षण देने के लिए सरकार के सामने 24 दिसंबर की समय सीमा तय की थी .

(इनपुट - एजेंसी)

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