Delhi के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी विनय कुमार सक्सेना के बीच ये पहली मुलाकात हुई है.
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Arvind Kejriwal meets Delhi LG: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से मुलाकात की. यह मुलाकात केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अगस्त में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर छापेमारी करने के बाद पहली बार हुई है. यह पहली साप्ताहिक बैठक थी - जो छापे के बाद हर शुक्रवार को मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच होती है.
बैठक के बाद सीएम ने क्या कहा?
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए, सीएम केजरीवाल ने कहा कि बैठक 'खुशहाल माहौल' में संपन्न हुई, और दोनों ने बैठक में राजधानी शहर से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की. केजरीवाल ने कहा, उपराज्यपाल के साथ हमारी साप्ताहिक बैठक होती है, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से बैठक नहीं हुई क्योंकि मैं शहर से बाहर था. आज बैठक अनुकूल माहौल में संपन्न हुई और हम दोनों ने शहर के कई मुद्दों पर चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने उनसे अनुरोध किया है कि हम नगर निगम से जुड़े मुद्दों के लिए मिलकर काम करेंगे. केजरीवाल ने मीडिया को बताया कि बैठक के दौरान 'कचरे के पहाड़' और शहर में स्वच्छता व्यवस्था को ठीक करने के मुद्दों पर भी चर्चा की गई.
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी के बाद एलजी के साथ कई मुद्दों पर चल रही खींचतान के सवाल पर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था. मुझे उम्मीद है कि अब स्थिति में सुधार होगा. आज, हम दोनों के बीच बहुत अच्छा माहौल था.
मनीष सिसोदिया के आवास पर हुई थी छापेमारी
दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने पिछले महीने मनीष सिसोदिया के दिल्ली आवास पर छापा मारा था. मनीष सिसोदिया मामले के संबंध में दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी में उल्लिखित 15 नामों में से एक था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली की आबकारी नीति (2021-22) में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच में नाम सामने आने के बाद तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्णा (आईएएस) और उनके डिप्टी आनंद कुमार तिवारी को निलंबित कर दिया था. दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति की विपक्षी दलों और उद्योग जगत के जानकारों ने कई कारणों से कड़ी आलोचना की थी.
नीति के तहत शहर भर के 849 ठेकों के लिए निजी बोलीदाताओं को खुदरा लाइसेंस दिए गए. दिल्ली के निवासियों को अपनी पसंद की शराब की कमी का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि शहर भर में कई दुकानों पर आपूर्ति की कमी थी. नीति की निंदा करते हुए विपक्ष ने उपराज्यपाल के पास शिकायत दर्ज कराने के अलावा केंद्रीय एजेंसियों से इसकी जांच शुरू करने का आग्रह किया था.
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