PM Modi Speech: पीएम नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और उसके फैसलों के मुख्य अंशों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने के लिए सराहना की.
Trending Photos
PM Modi lauds Supreme Court decision: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और उसके फैसलों के मुख्य अंशों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने के लिए सराहना की. पीएम मोदी की तारीफ के बाद भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने हाथ जोड़कर उनकी इस प्रशंसा को स्वीकार किया.
सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करता हूं: पीएम मोदी
स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'हमने मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिया है.' उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वादी द्वारा बोली जाने वाली भाषा में फैसले के मुख्य अंशों का अनुवाद करने का फैसला किया है. पीएम मोदी ने कहा, 'मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करता हूं. उसने कहा है कि अब फैसले के मुख्य अंशों का अनुवाद वादी की भाषा में किया जाएगा.'
सीजेआई ने दोनों हाथ जोड़ इशारे में दिया जवाब
लाल किले (Lal Qila) पर विशेष दीर्घा में मौजूद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने 'नमस्ते' (दोनों हाथ जोड़कर) के इशारे के साथ पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा, 'मातृभाषा की प्रासंगिकता बढ़ रही है.'
सीजेआई ने हाल ही में किया था फैसला
बता दें कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने हाल ही में घोषणा की थी कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अंग्रेजी में लिखे गए फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम मेधा का उपयोग करेगा. सीजेआई ने कहा था कि फैसले लिखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अंग्रेजी देश के 99.9 प्रतिशत नागरिकों की समझ में नहीं आती है, विशेष रूप से कानूनी शब्दों की जटिलताओं के कारण.
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत शुरू में चार भाषाओं हिंदी, तमिल, गुजराती और ओडिया में फैसलों का अनुवाद करने पर ध्यान केंद्रित करेगी और धीरे-धीरे फैसले सभी अनुसूचित भाषाओं में उपलब्ध कराए जाएंगे. कुछ उच्च न्यायालयों ने अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी निर्णय देना शुरू कर दिया है. इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 2019 में नौ क्षेत्रीय भाषाओं में अपने फैसले प्रदान करने का फैसला किया था. इस कदम की तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी सराहना की थी.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)