चिराग पासवान के आगे एक न चली, चाचा पशुपति पारस को खाली करना पड़ा 40 साल पुराना घर
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चिराग पासवान के आगे एक न चली, चाचा पशुपति पारस को खाली करना पड़ा 40 साल पुराना घर

चिराग पासवान (Chirag Paswan) की जिद के आगे उनके चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) की एक ना चली और पटना एयरपोर्ट के पास स्थित घर को खाली करना पड़ा है, जहां वो अपने परिवार के साथ रहते थे.

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चिराग पासवान के आगे एक न चली, चाचा पशुपति पारस को खाली करना पड़ा 40 साल पुराना घर

Pashupati Paras evicted from Patna House: चिराग पासवान (Chirag Paswan) और उनके चाचा पशुपति पारस की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है, लेकिन अब चिराग के एक कदम ने चाचा को अलग-थलग कर दिया है. चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस अपना 40 साल पुराना घर छोड़ना पड़ा है. बता दें कि पटना एयरपोर्ट के पास स्थित इस घर को चिराग के पिता राम विलास पासवान (Ramvilas Paswan) ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के कार्यालय के रूप में पंजीकृत कराया था. अनौपचारिक रूप से यह पशुपति पारस का घर भी था और अपने परिवार के साथ यहीं रहते थे.

बिहार सरकार ने खाली करवाया घर

काफी विवाद के बाद बिहार सरकार ने आखिरकार राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का दफ्तर और पशुपति पारस (Pashupati Paras) का घर खाली करवा लिया है. इसके बाद पशुपति पारस अपने एमएलए कॉलोनी स्थित हाउस में शिफ्ट हो गए हैं. बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने पशुपति पारस को नोटिस देकर दफ्तर खाली करने को कहा था. उन्हें 13 नवंबर तक का समय दिया गया था, लेकिन समय सीमा से पहले ही खाली करवा दिया गया.

चिराग पासवान के आगे चाचा की एक न चली

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सभी शीर्ष नेताओं के सामने इस घर और कार्यालय को बचाने की गुहार लगाई थी, लेकिन चिराग पासवान (Chirag Paswan) की जिद के आगे किसी की एक न चली.

पहले चिराग को होना पड़ा था अपमानित

बता दें कि पार्टी में फूट के बाद चिराग पासवान (Chirag Paswan) को एक बार अपमानित होना पड़ा था. दो साल पहले उन्हें दिल्ली के उस बंगले से निकाल दिया गया था, जो उनके पिता का स्थायी घर बन चुका था. रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) सोनिया गांधी के पड़ोसी थे और 10 जनपथ के ठीक बगल में उनका 12 जनपथ रोड आवास दिल्ली के सबसे मशहूर पतों में से एक था.

लेकिन, मार्च 2022 में चिराग पासवान (Chirag Paswan) को बेदखल कर दिया गया. घटनास्थल से आई तस्वीरों में पासवान परिवार का सामान सड़क पर पड़ा हुआ दिखा था, जिसमें रामविलास पासवान की तस्वीरें भी थी. इसके बाद चिराग पासवान ने कहा था,'उन्होंने मेरे पिता की तस्वीर फेंक दी. हमारे पास ऐसी प्यारी तस्वीरें थीं. वे तस्वीरों पर चप्पल पहनकर चले गए. उन्होंने बिस्तरों पर भी चप्पलें पहन रखी थीं.'

चिराग ने चाचा पशुपति पर लगाए थे आरोप

बाद में चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने पशुपति पारस (Pashupati Paras) को दोषी ठहराया था. रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के निधन के बाद पशुपति पारस (Pashupati Paras) ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को तोड़ दिया था और उन्हें कैबिनेट में जगह मिली थी, जबकि चिराग को मंत्री नहीं बनाया गया था.

हालांकि, अब हालात बदल गए हैं और चिराग पासवान (Chirag Paswan) मौदी कैबिनेट में मंत्री हैं, जबकि पशुपति पारस (Pashupati Paras) लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए गठबंधन में सीट नहीं दी गई और फिर कैबिनेट में जगह भी नहीं मिली. लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली चिराग पासवान की पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और सभी सीटों पर जीत दर्ज की. इसके बाद चिराग नरम पड़ने को तैयार नहीं थे और अब उनके चाचा को घर से बाहर कर दिया गया है.

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