Excise Policy Scam: शराब नीति घोटाले में 10 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल, आरोपपत्र में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं
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Excise Policy Scam: शराब नीति घोटाले में 10 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल, आरोपपत्र में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं

Delhi Excise Policy Scam: दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने 10 हजार पन्नो की चार्जशीट दाखिल की है. इसमें 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें से 3 लोग सरकारी पदों पर कार्यरत हैं.

Excise Policy Scam: शराब नीति घोटाले में 10 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल, आरोपपत्र में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं

Chargesheet in Excise Policy Scam: शराब नीति घोटाला मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस चार्जशीट में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है. सीबीआई के मुताबिक, चार्जशीट में दो गिरफ्तार कारोबारी, एक समाचार चैनल का प्रमुख, एक हैदराबाद का रहने वाला शराब कारोबारी, एक दिल्ली का रहने वाला शराब वितरक और आबकारी विभाग के दो अधिकारी शामिल हैं. सीबीआई ने चार्जशीट में जिन्हें आरोपी बनाया है उनके नाम हैं, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रु, अरुण रामचंद्र पिल्लई, मुथा गौतम, एक्साइज डिपार्टमेंट डिप्टी कमिश्नर कुलदीप सिंह और एक्साइज डिपार्टमेंट के असिस्टेंट कमिश्नर नरेंद्र सिंह. इस मामले में सीबीआई ने 10 हजार पन्नो की चार्जशीट दाखिल की है.

सीबीआई की तरफ से ये चार्जशीट दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में दायर किया गया है. ये वही कोर्ट है जहां पहले से इस मामले की सुनवाई चल रही है. सीबीआई ने जानाकारी दी है कि कुल 7 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है जिससे से 3 सरकारी अधिकारी हैं. साथ ही जांच एजेंसी ने बताया कि इस मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ जांच चल रही है.

चार्जशीट पर आम आदमी पार्टी की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने सिसोदिया के चार्जशीट में नाम नहीं होने पर कहा कि ये दिल्ली के लोगों की जीत है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'सत्यमेव जयते! CBI की चार्जशीट में सिसोदिया का नाम नहीं है. इतिहास में पहली बार, जिसे आरोपी नंबर 1 बताया, उनका नाम चार्जशीट में नहीं है. जिस व्यक्ति ने ग़रीब के बच्चों को डॉक्टर-इंजीनियर बनाया, उस व्यक्ति को BJP ने 6 महीने गालियां दी. ये दिल्ली के लोगों की जीत है.'

उन्होंने कहा, CBI को एक साक्ष्य नहीं मिला. साबित हो गया, पूरा का पूरा केस फर्जी था. सिर्फ गुजरात और एमसीडी चुनाव में AAP को बदनाम करने के लिए दिनभर BJP झूठी प्रेस कॉन्फ्रेंस करती थी. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई आबकारी नीति को लागू किया था, लेकिन करप्शन के आरोपों के बीच सितंबर, 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया था.

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