कौन है लखनऊ की बुर्के वाली 'मिस्ट्री वुमन', क्या ये महिला स्विगी की डिलिवरी एजेंट हैं?
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कौन है लखनऊ की बुर्के वाली 'मिस्ट्री वुमन', क्या ये महिला स्विगी की डिलिवरी एजेंट हैं?

रिजवाना चार बच्चों की मां है, जिसमें एक बेटी की शादी हो चुकी है और वो अपने ससुराल में रहती है, जबकि दो बेटियां और एक बेटा उसके साथ ही रहते हैं. रिजवाना अपने बच्चों के साथ 10 बाई 10 के कमरे में रहती है.

कौन है लखनऊ की बुर्के वाली 'मिस्ट्री वुमन', क्या ये महिला स्विगी की डिलिवरी एजेंट हैं?

Burqa woman carrying a Swiggy bag went viral on Social Media: स्विगी के डिलिवरी बैग के साथ बुर्का पहने महिला की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. कुछ लोगों ने इस तस्वीर को फर्जी बताया तो कुछ ने महिला के काम की तारीफ की. सोशल मीडिया पर कई तरह के विचार इस महिला के लेकर शेयर किए जा रहे हैं. लोग ये भी पूछ रहे हैं कि क्या ये सच में स्विगी की डिलिवरी एजेंट है? लेकिन इस तस्वीर के पीछे की सच्चाई कुछ और ही है.

दरअसल, लखनऊ में नदवा कॉलेज की तरफ जाने वाली सड़क पर बुर्का पहने इस महिला की तस्वीर को किसी ने क्लिक किया, जिसमें महिला के पीठ पर स्विगी बैग भी था. तस्वीर क्लिक करने वाले शख्स ने इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. इसके बाद लोगों ने महिला के समर्पण भावना और उसकी कड़ी मेहनत के लिए तारीफ करना शुरू कर दिया. लेकिन चेहर नहीं दिखने की वजह से उसे पहचानने में दिक्कत हो रही थी.

स्विगी एजेंट नहीं है महिला

कड़ी मेहनत करके परिवार का पेट पालने वाली इस महिला के बारे में जानकारी मिली कि ये कोई स्विगी की एजेंट नहीं है, बल्कि घरेलू सहायिका है जो डालीगंज में घरों में काम करके परिवार का भरण-पोषण करती है. इस महिला का नाम रिजवाना है और इसकी उम्र 40 वर्ष है. 

रिजवाना तक जब ये बात पहुंची तो उससे कई सवाल हुए, रिजवाना ने कहा कि वो सुबह और शाम में लोगों के घरों में काम करती है. इससे उसकी 1500 रुपये तक की कमाई हो जाती है. इसके बाद वो फेरीवाले के रूप में भी काम करती है. दोपहर में वो चश्मा, डिस्पोजल ग्लास और कपड़े बेचती है. इससे हर महीने 5 से 6 हजार रुपये की कमाई हो जाती है. इससे उसके घर का चूल्हा जल पाता है.

चार बच्चों की मां है रिजवाना

रिजवाना चार बच्चों की मां है, जिसमें एक बेटी की शादी हो चुकी है और वो अपने ससुराल में रहती है, जबकि दो बेटियां और एक बेटा उसके साथ ही रहते हैं. रिजवाना अपने बच्चों के साथ 10 बाई 10 के कमरे में रहती है.

स्विगी बैग के बारे में पूछे जाने पर रिजवाना ने कहा, 'डिस्पोजेबल ग्लास और कप रखने के लिए मुझे एक मजबूत बैग की जरूरत थी. इसलिए, मैंने इसे डालीगंज पुल पर बेचने वाले एक व्यक्ति से 50 रुपये में खरीदा. तब से मैं अपना सामान इसी बैग में लेकर चल रही हूं. मैं स्विगी के लिए काम नहीं करती. मैं इस बैग में अपना सारा सामान लेकर काम के लिए बाजार जाती हूं. मैं हर दिन लगभग 20 से 25 किलोमीटर की दूरी तय करती हूं.'

पति ने छोड़ा, लोगों ने की मदद

रिजवाना ने बताया कि एक दुकानदार ने उसे उसकी तस्वीर दिखाई और बताया कि ये तस्वीर वायरल हो गई है. इसके बाद उससे एक व्यक्ति मिलने आया और बैंक अकाउंट नंबर भी मांगा. तस्वीर के वायरल होने के बाद रिजवाना को कई लोगों से मदद मिली है. ये मदद उसके लिए काफी मायने रखती है क्योंकि वो अपने बच्चों को खुद ही पालती है.

वो बताती है कि 23 साल पहले उसकी शादी हुई थी, लेकिन उसके पति ने उसे बिना कुछ कहे ही घर छोड़कर चला गया. उसका पति रिक्शा चलाता था लेकिन रिक्शा के चोरी हो जाने के बाद से वो भीख मांगने लगा. इसके बाद बच्चों की जिम्मेदारी के साथ घर को चलाना रिजवाना के लिए आसान नहीं था लेकिन उसने हार नहीं मानी और परिवार के लिए बाहर निकलकर काम करना शुरू कर दिया.

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