Karnataka News: बीबीएमपी ने महादेवपुरा क्षेत्र में कम से कम 10 जगहों की पहचान की, जो बारिश के पानी का प्रवाह रोक रहे थे. इसमें एक प्रमुख निजी स्कूल की इमारत, खेल का मैदान और पार्क शामिल था, जहां जल निकासी नाले का अतिक्रमण किया गया था.
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Bulldozers In Bengaluru: भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई हिस्सों में जलजमाव के बाद अब बेंगलुरु नगर निकाय एक्टिव हो गया है. शहर में अब बारिश का पानी रोकने वाली जगहों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं. देश की सिलिकॉन वैली कहलाने वाले बेंगलुरु में सीवेज और जल निकासी सिस्टम की 700 जगहों पर अतिक्रमण के कारण बाढ़ के हालात बने थे. अब सभी पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर ली गई है. तोड़फोड़ अभियान सोमवार से शुरू किया गया. सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि अतिक्रण रोधी अभियान बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा.
बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) की एक टीम ने 8 जगहों पर तोड़फोड़ अभियान चलाया जो कथित तौर पर महादेवपुरा क्षेत्र के बेलंदूर और उसके आसपास बाढ़ का कारण बन रहे थे. सूत्रों के अनुसार, बीबीएमपी ने महादेवपुरा क्षेत्र में कम से कम 10 जगहों की पहचान की, जो बारिश के पानी का प्रवाह रोक रहे थे. सूत्रों के अनुसार, इसमें एक प्रमुख निजी स्कूल की इमारत, खेल का मैदान और पार्क शामिल था, जहां जल निकासी नाले का अतिक्रमण किया गया था.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों के सामने अगली चुनौती स्कूल के ठीक बगल में स्थित एक अपार्टमेंट को गिराने की है. बीबीएमपी के एक अधिकारी ने कहा, 'अपार्टमेंट के निवासियों को इसे खाली करने के लिए नोटिस दिए गए हैं. हम उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं.'
मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि बेंगलुरु में बाढ़ के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार कहे जाने वाले नालों के कथित अतिक्रमण को हटाने के अभियान में कोई पक्षपात नहीं होगा. मैंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिया है कि जिस किसी ने भी बरसाती नालों पर ढांचों का निर्माण किया है और बारिश के पानी के बहाव को रोका है, उसे हटाया जाए. यह मैंने पहले ही दिन साफ कर दिया था. यह पूछे जाने पर कि क्या बड़ी कंपनियां बरसाती नालों का अतिक्रमण करती पाई गईं, बोम्मई ने कहा, 'वे जो भी हैं, हम उन्हें नहीं बख्शेंगे. बाढ़ के दौरान सभी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा.'
एक हफ्ते पहले बेंगलुरु में बाढ़ के दिन, ओआरआरसीए ने दावा किया था कि आईटी (इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) और बैंकिंग कंपनियों को एक ही दिन में लगभग 225 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि कर्मचारी सड़कों पर फंस गए थे और वे ऑफिस से या घर से काम नहीं कर पा रहे थे.
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