Narayan Rane Case: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को HC से झटका, बंगले के अवैध निर्माण पर चलेगा बुलडोजर, लगा 10 लाख का जुर्माना
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Narayan Rane Case: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को HC से झटका, बंगले के अवैध निर्माण पर चलेगा बुलडोजर, लगा 10 लाख का जुर्माना

Mumbai News: बंगले के अवैध निर्माण को मलबे में तब्दील करने में 10 लाख रुपये की लागत आएगी, जो राणे को ही देनी होगी. बंगले की ऊंचाई 11 मीटर से ज्यादा नहीं होगी चाहिए थी. लेकिन इसे 32 मीटर ऊंचा बना दिया गया, जिसके बाद मंगलवार को हाई कोर्ट ने अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया.

Narayan Rane Case: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को HC से झटका, बंगले के अवैध निर्माण पर चलेगा बुलडोजर, लगा 10 लाख का जुर्माना

Bombay High Court on Unauthorised Construction: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने जुहू स्थित उनके बंगले के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने का आदेश BMC को दिया है. साथ ही राणे परिवार पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. बीएमसी ने राणे के बंगले में अवैध निर्माण को लेकर नोटिस भेजा था. बंगले के अवैध निर्माण को मलबे में तब्दील करने में 10 लाख रुपये की लागत आएगी, जो राणे को ही देनी होगी.

दो हफ्ते में टूटेगा अवैध निर्माण

बंगले की ऊंचाई 11 मीटर से ज्यादा नहीं होगी चाहिए थी. लेकिन इसे 32 मीटर ऊंचा बना दिया गया, जिसके बाद मंगलवार को हाई कोर्ट ने  2 हफ्ते के भीतर अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया है. नारायण राणे को बीएमसी के के-वेस्ट वॉर्ड के अफसर ने नोटिस भेजा था. इसे मुंबई नगर निगम (एमएमसी) अधिनियम की धारा 351 के तहत BMC की ओर से बनाए गए प्लान के उल्लंघन के लिए जारी किया गया था. 

दरअसल बंगले का अवैध निर्माण नारायण राणे के परिवार की कंपनी का है. जस्टिस आरडी धनुका और जस्टिस कमल खाता की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कंपनी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए इसे महाराष्ट्र स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी (MALSA) में जमा कराने का निर्देश दिया है. बीएमसी को दूसरी बार राणे की ओर से दायर नियमितीकरण याचिका पर विचार करने से रोकते हुए बेंच ने टिप्पणी की. बेंच ने कहा, 'बीएमसी को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और क़ानून के प्रावधानों के विपरीत कदम उठाने की इजाजत नहीं दी जा सकती. अगर विचार करने के लिए इजाजत दी जाती है, तो इससे थोक निर्माण को बढ़ावा मिलेगा, जो विचार करने की इजाजत देने तक पहुंच जाएगा. याचिकाकर्ता ने मंजूर की गई सीमा से तीन गुना ज्यादा निर्माण किया.' 

हाई कोर्ट ने नहीं दी राहत

राणे परिवार की ओर से पेश वकील शार्दुल सिंह ने बीएमसी की कार्रवाई 6 हफ्ते रोकने की गुहार लगाई थी, ताकि वह सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकें. लेकिन हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया. राणे परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी कालका रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड ने बंगले के नियमितीकरण के लिए नई एप्लिकेशन दायर कर बीएमसी से निर्देश मांगे थे. 

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