Gurnam Singh Charuni:'हमने माहौल बनाया, किसान आंदोलन को भुना नहीं पाई कांग्रेस', हुड्डा पर भड़के चढ़ूनी; बताया मूर्ख
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Gurnam Singh Charuni:'हमने माहौल बनाया, किसान आंदोलन को भुना नहीं पाई कांग्रेस', हुड्डा पर भड़के चढ़ूनी; बताया मूर्ख

Gurnam Singh Charuni  on Bhupinder Hooda: हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी कांग्रेस पर भड़के हुए हैं. उन्होंने आज एक इंटरव्यू में कहा कि हमने किसान आंदोलन करके बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाया लेकिन कांग्रेस उसका फायदा नहीं ले पाई.

 

Gurnam Singh Charuni:'हमने माहौल बनाया, किसान आंदोलन को भुना नहीं पाई कांग्रेस', हुड्डा पर भड़के चढ़ूनी; बताया मूर्ख

Gurnam Singh Charuni on Haryana Result 2024: पंजाब- हरियाणा में लगातार चल रहे किसान आंदोलन पर बीजेपी जो आरोप लगाती आ रही थी, उस पर अब खुद आंदोलनकारी किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूने ने मुहर लगा दी है. हरियाणा के किसान नेता चढ़ूनी ने कहा कि किसानों ने लगातार आंदोलन करके कांग्रेस के फेवर में माहौल बनाया लेकिन पार्टी इस आंदोलन को भुना नहीं पाई. उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया और राहुल गांधी से अपील की कि उन्हें असेंबली में विपक्ष का नेता न बनाया जाए.

'किसान आंदोलन का फायदा नहीं ले पाई कांग्रेस'

हरियाणा असेंबली चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद यह वाकया सामने आया है. चुनाव में कांग्रेस की हार से उखड़े हुए बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि किसान संगठनों ने लगातार विरोध- प्रदर्शन करके कांग्रेस के फेवर में माहौल तैयार किया था. लेकिन पार्टी इसका फायदा नहीं ले पाई. इसके जिम्मेदार और कोई नहीं बल्कि भूपिंदर सिंह हुड्डा हैं. 

भूपेन्द्र हुड्डा बिल्कुल मूर्ख हैं- गुरनाम सिंह चढ़ूनी

भूपिंद्र हुड्डा पर बरसते हुए गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा, मैं मानता हूं कि भूपेन्द्र हुड्डा बिल्कुल मूर्ख हैं. हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में जो माहौल बना, वो हमने बनाया, किसानों ने बनाया....कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण ये है कि हुड्डा ने कोई समझौता नहीं किया और कांग्रेस ने राज्य में सब कुछ उन पर छोड़ दिया. अगर हुड्डा को मनमानी नहीं करने दी गई होती तो नतीजे कुछ और हो सकते थे.

सीनियर हुड्डा पर बरसे बीकेयू नेता, राहुल से की ये अपील

राहुल गांधी से अपील करते हुए चढ़ूनी ने कहा, 'अब भी मैं कांग्रेस आलाकमान को बताना चाहता हूं कि वे भूपेन्द्र हुड्डा को असेंबली में विपक्ष का नेता न बनायें. उन्होंने पिछले 10 वर्षों में राज्य में विपक्ष के नेता की कोई भूमिका नहीं निभाई. यह हमारा संगठन बीकेयू ही था, जिसने सरकार के खिलाफ विरोध का झंडा उठाया.' 

दिलचस्प बात ये है कि इन चुनावों में गुरनाम सिंह चढ़ूनी खुद भी एक उम्मीदवार थे. उन्होंने हरियाणा की पिहोवा सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था लेकिन हार झेलनी पड़ी. इस चुनाव में उन्हें महज 1200 वोट मिल पाए और उनकी जमानत तक जब्त हो गई. यह सीट कांग्रेस उम्मीदवार ने जीती.  

हमने कांग्रेस के लिए माहौल बनाया- योगेंद्र यादव

राजनीतिक पंडितों के मुताबिक यह पहली बार नहीं है, जब किसी किसान संगठन ने इस तरह के दावे किए हों. इससे पहले सोशल एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव भी इस तरह का दावा कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि किसानों ने लगातार आंदोलन करके यूपी में सपा और कांग्रेस के फेवर में जमीन तैयार की थी लेकिन दोनों पार्टियां इसका लाभ नहीं उठा पाईं.

हरियाणा असेंबली चुनाव के नतीजे बीकेयू (टिकैत गुट) के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी नाखुश नजर आए. टिकैत ने कहा, 'मुझे लगता नहीं कि पब्लिक ने उन्हें (बीजेपी को) वास्तव में वोट दिया होगा. जनता बीजेपी से परेशान है और लोगों में उनके खिलाफ भयंकर गुस्सा है. इसकी बावजूद बीजेपी जीती है तो या तो  उन्होंने कुछ हेरफेर की होगी या ईवीएम में गड़बड़ हुई होगी.' 

किसान आंदोलन की कलई खोलते रहे हैं बीजेपी नेता

बताते चलें कि पीएम मोदी समेत कई बीजेपी नेता भी अक्सर आरोप लगाते रहे हैं कि किसान आंदोलन पूरी तरह राजनीतिक है और इसके पीछे कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का हाथ है. अब योगेंद्र यादव और गुरनाम चढ़ूनी के बयान बीजेपी नेताओं के इस आरोप की पुष्टि करते दिख रहे हैं. इन आंदोलनकारी किसान नेताओं में इस बात को गुस्सा है कि जिस बीजेपी की सरकार को उखाड़ने के लिए उन्होंने इतने लंबे समय से माहौल बनाकर रखा था, वह उनके किसी काम नहीं आ पाया है.

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