Chakradharpur News: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित शहर चक्रधरपुर के चैनपुर गांव में आज खुशियों का बहार आया हुआ है. लोग गांव में मिठाई बांट रहे हैं. दरअसल गांव का एक बेटा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट अधिकारी पद पर चयनित हुआ है. जिससे गांव वाले काफी खुश है. वो अपने इस सपूत पर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं.
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West Singhbhum News: झारखंड के जिला पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर के चैनपुर गांव के लोग आज बेहद खुश हैं. वो आज अपने गांव के एक बेटे पर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं. गर्व हो भी क्यों ना ... क्योंकि आज गांव का एक बेटा देश की सेवा और सुरक्षा के लिए सेना में लेफ्टिनेंट अधिकारी के पद पर चयनित जो हो गया है. पूरे गांव में खुशी ऐसी है की गांव वालों की आंखों में खुशी के आंसू छलक रहे हैं.
गरीब किसान का बेटा भारतीय सेना का लेफ्टिनेंट अधिकारी
जी हां हम बात कर रहे हैं, चक्रधरपुर के चैनपुर गांव में एक किसान परिवार में जन्मे राहुल प्रधान की. राहुल प्रधान ने अपनी काबिलियत के बल पर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट अधिकारी के पद पर चयनित होने का गौरव हासिल किया है. राहुल प्रधान को यह मौका एनसीसी कैडेट्स के तौर पर मिला है. राहुल प्रधान ने एनसीसी कैडेट्स को भारतीय सेना में मिलने वाली स्पेशल एंट्री स्कीम का लाभ उठाया और इस अवसर का लाभ पाने के लिए दिन रात मेहनत की.
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गांव में बांटी जा रही मिठाई
कई तरह के कठिन ट्रेनिंग को पार करते हुए सैकड़ों हजारों की भीड़ में खुद को बेहतर साबित करते हुए, राहुल प्रधान ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट अधिकारी बनने का गौरव हासिल किया है. राहुल प्रधान के इस उपलब्धि को लेकर गांव में मिठाई बांटी जा रही है.
एनसीसी स्पेशल एंट्री की परीक्षा में 55 वां रैंक
राहुल प्रधान ने राष्ट्रीय स्तर पर हुए एनसीसी स्पेशल एंट्री की परीक्षा में 55 वां रैंक हासिल किया है. यह रैंक हासिल करना इतना आसान भी नहीं था, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी. उसके अन्दर देश की सेवा, माता-पिता और अपने क्षेत्र को गौरवान्वित करने का एक जूनून है. जिसके कारण वह हर कठिन परीक्षा को भी सफलता पूर्वक पार करता हुआ आगे बढ़ा और आज भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट अधिकारी के तौर पर उसे एक नयी पहचान मिल गयी है.
एनसीसी 7वीं बटालियन के सदस्य
राहुल प्रधान ने अपनी प्राथमिक शिक्षा चक्रधरपुर के सर्वो लिटिल पर्ल्स स्कूल और संत मेरी स्कूल से प्राप्त की है. इसके बाद माध्यमिक शिक्षा संत जेवियर स्कूल से प्राप्त की. यहां से वे उच्च शिक्षा के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा गए. वे भद्रक एनसीसी 7वीं बटालियन के सदस्य रहें. यहीं उनका ट्रेनिंग का आधार ऐसा तैयार हुआ की आज वे सेना के अधिकारी बन गए हैं.
पूरा गांव कर रहा गर्व
राहुल प्रधान के पिता अजित लाल प्रधान एक सामान्य किसान हैं. बड़ी मिश्किल से खेती किसानी कर वे अपने घर परिवार का भरण पोषण करते हैं. वहीं, माता सुलोचना देवी एक गृहणी हैं. उसकी एक बहन भी है. आज इस परिवार में राहुल प्रधान के लेफ्टिनेंट बनने की खुशी है. इस खुशी में पूरा गांव भी शरीक है और गर्व महसूस कर रहा है.
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गांव का बेटा देश की सेवा के लिए बढ़ा आगे
राहुल प्रधान गांव का बेटा देश की सेवा के लिए आगे बढ़ रहा है और भारतीय सेना का अधिकारी बन चूका है. इस खुशी को इजहार करने के लिए हाथों में मिठाई लेकर सभी एक दुसरे का मुंह मीठा कर रहे हैं. राहुल प्रधान ने अपनी लगन और मेहनत से यह साबित किया है की है. मंजिलें कितनी भी कठिन क्यों ना हो, उसे पाने का जज्बा अगर मजबूत है तो मुश्किलें भी आसान होती है और मंजिलें भी उनके कदम चूमती है.
इनपुट - आनंद प्रियदर्शी
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