Chakradharpur News: झारखंड के चक्रधरपुर में मां दुर्गा के प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर जमकर बवाल हुआ है. चक्रधरपुर में रविवार को पुलिस द्वारा एक पूजा कमेटी के साउंड सिस्टम के वाहन को पकड़ लिया गया था, जिसके बाद तमाम दुर्गा पूजा कमेटी पुलिस की कार्रवाई से नाराज थे.
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West Singhbhum News: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर में रविवार को मां दुर्गा के प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर जमकर बवाल हुआ है. चक्रधरपुर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब प्रतिमाओं का विसर्जन एक दिन में संपन्न नहीं हो सका. पहले दिन कुछ ही प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया, जबकि बाकी के प्रतिमाओं का विसर्जन सोमवार शाम को होने की उम्मीद की जा रही है.
दरअसल रविवार को चक्रधरपुर के तमाम दुर्गा पूजा कमेटी पुलिस की कार्रवाई से नाराज थे. पुलिस के द्वारा एक पूजा कमेटी के साउंड सिस्टम के वाहन को पकड़ लिया गया था और उसे चक्रधरपुर थाना में रखा गया था. सरकारी आदेश और कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए पुलिस ने साउंड सिस्टम को पकड़ा था. पूजा कमिटी के द्वारा लगातार प्रशासन से साउंड सिस्टम के वाहन को छोड़ने की मांग की जा रही थी, लेकिन पुलिस के द्वारा 6 बजे तक इस पर कोई सकारात्मक फैसला नहीं लिया गया था.
जिससे तमाम दुर्गा पूजा कमेटी में असंतोष का माहौल बन गया था. सभी पूजा कमेटी चक्रधरपुर के पवन चौक में जमा हुए और चक्रधरपुर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. इधर गुस्से में आये लोगों की व्यापक भीड़ को देखते हुए पुलिस बल की भी भारी तादाद में तैनाती चक्रधरपुर के पवन चौक में कर दी गयी थी.
पूजा कमिटी की मांग थी कि उनके साउंड सिस्टम के वाहन को छोड़ दिया जाए ताकि वह अपना विसर्जन जुलुस निकाल पायें. साथ ही साथ उस पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाए जिसने विसर्जन जुलूस के साउंड सिस्टम को जब्त किया है. प्रशासन द्वारा जल्द फैसला नहीं लिए जाने से चक्रधरपुर के पवन चौक में देखते ही देखते हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गयी और सभी प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर रहे थे.
इधर प्रतिमाओं के विसर्जन का समय भी निकलता जा रहा था. मंच पर मौजूद एसडीओ श्रुति राजलक्ष्मी और एसडीपीओ लालिन कुमार मरांडी को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. लोगों का प्रशासन के खिलाफ बढ़ता आक्रोश को देखते हुए एसडीओ के आदेश पर साउंड सिस्टम के वाहन को चक्रधरपुर थाना से पुलिस ने छोड़ दिया. इधर चाईबासा से एसपी अभियान पारस राणा भी चक्रधरपुर पहुंचे और चक्रधरपुर में बिगड़ते माहौल को संभालने की कोशिश की.
पुलिस द्वारा पकड़े गए साउंड सिस्टम के वाहन को पुलिस ने छोड़ दिया गया और पूजा कमिटी को सौंप दिया गया. पारस राणा के प्रयास के कारण लोग विसर्जन जुलूस निकालने के लिए राजी हुए. रात 8 बजे के बाद विसर्जन जुलूस निकाले जाने पर सहमति बनी, लेकिन चक्रधरपुर के दुर्गा पूजा केंद्रीय कमेटी ने प्रशासन से चक्रधरपुर के थाना प्रभारी राजीव रंजन का 24 घंटे के अंदर तबादले की मांग कर दी थी.
रात 9 बजे आदि पूजा कमेटी के द्वारा पारंपरिक रूप से मशाल जुलूस के साथ मां दुर्गे की प्रतिमा को कंधे पर उठाकर विसर्जित करने के लिए पहला जुलूस निकला. इस जुलूस को नदी घाट पहुंचने में रात के ढाई बज गए. रात के ढाई बजे पहला विसर्जन हुआ. वहीं, कई पूजा कमेटी बवाल और प्रदर्शन के कारण समय पर तैयारी नहीं कर पाए, जिसके कारण विसर्जन जुलूस नहीं निकल पाया. कुछ पूजा कमेटी के विसर्जन जुलूस निकले भी तो वह रातभर में नदी घाट तक नहीं पहुंच पाई थी. प्रतिमाओं के विसर्जन में सारा सिस्टम ध्वस्त नजर आया.
पुलिस और प्रशासन रविवार को सभी 22 पूजा पंडालों का विसर्जन करवाने में नाकाम रही. सोमवार को बाकी बचे प्रतिमाओं का विसर्जन किये जाने की उम्मीद है, लेकिन जिस तरह से पुलिस और प्रशासन के खिलाफ पूजा कमिटी का गुस्सा भड़का है उससे साफ है की पूजा कमिटी प्रशासन से बेहद नाराज चल रहे हैं. सोमवार को विसर्जन जुलुस शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो यह एक बड़ी चुनौती प्रशासन के लिए बन गयी है.
इनपुट - आनंद प्रियदर्शी
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