Trending Photos
Gemstone: ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से हमारी कुंडली में नवग्रह होते हैं जो हमारे पूरे जीवन चक्र पर अपना प्रभाव डालते हैं. कुंडली के सभी घरों में इन ग्रहों के होने का प्रभाव भी अलग-अलग होता है. ऐसे में ज्योतिष की मानें तो इन ग्रहों को मजबूत बनाने या इसका अच्छा फल प्राप्त करने के लिए रत्नों को धारण करने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही एक बात ध्यान रखना जरूरी है कि रत्न काफी प्रभावशाली होते हैं और उन्हें बिना किसी विद्वान ज्योतिष के सलाह के और बिना उनसे गणना कराए कभी भी धारण नहीं करना चाहिए नहीं तो जीवन पर उसका बुरा प्रभाव भी देखने को मिलता है.
ऐसे में हर ग्रह का एक अपना रत्न बताया गया है. चूंकि रत्न काफी महंगे होते हैं ऐसे में इनके उपरत्नों के बारे में भी ज्योतिष शास्त्र में वर्णित है. रत्नों की शुद्धता का परीक्षण किए बिना भी इसे धारण करना और इसका विधिवत तरीके से धारण नहीं करना भी आपको नुकसान दे सकता है या इसका कम प्रभाव आपको देखने को मिलेगा.
ये भी पढ़ें- शनि की ढैय्या-साढ़ेसाती से हैं परेशान, जल्द चाहिए मुक्ति तो धारण करें घोड़े की नाल
ऐसे में आपको बता दें कि ये रत्न अलग-अलग जगहों से एक पत्थर के रूप में ही पाए जाते हैं जिन्हें तरासकर एक आकार और इसका वजन निर्धारित किया जाता है. रत्नों को उम्र के हिसाब से कितने रत्ती का धारण करना चाहिए इसके बारे में भी बताया गया है. रत्नों का संसार निराला है. बताते हैं कि रत्नों में कई तरह की दैवीय शक्तियां होती हैं. ऐसे में कई रत्न ऐसे हैं जिन्हें धारण करने से ही आपकी किस्मत चमक उठती है.
अगर आप किसी ग्रह के बुरे प्रभाव से परेशान हैं तो आपको ज्योतिष के जानकार रत्न धारण करने की सलाह देते हैं. ऐसे में अगर आप पर ग्रहों का दुष्प्रभाव पड़नेवाला है तो उस रत्न की वजह से आप उससे बच जाते हैं. 12 राशियों के लिए अलग-अलग रत्न भी बताए गए हैं जो राशि के राशि स्वामी के आधार पर तय होते हैं.
ऐसे में ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सूर्य के लिए माणिक्य, चंद्रमा का रत्न मोती, मंगल का मूंगा, बुध का पन्ना, बृहस्पति के लिए पुखराज, फिरोजा, वहीं शुक्र के लिए हीरा या फिरोजा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनिया बताया गया है. इसके साथ ही 12 राशियों के जो राशि स्वामी होते हैं उनके रत्न जो यहां बताए गए हैं उसे धारण करना भी बेहद शुभ माना गया है.