Saphala Ekadashi: इस साल की पहली एकादशी इस तारीख को, जानें क्यों कहा जाता है इसे सफला एकादशी
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Saphala Ekadashi: इस साल की पहली एकादशी इस तारीख को, जानें क्यों कहा जाता है इसे सफला एकादशी

हिंदू कैलेंडर के हिसाब से 12 महीने होते हैं और हर महीने में दो पक्ष कृष्ण और शुक्ल पक्ष होता है. इन दोनों पक्षों में एक-एक एकादशी होती है. ऐसे में एक साल में 24 एकादशी होती है. इसकी संख्या मलमास पड़ने पर ज्यादा भी हो सकती है.

फाइल फोटो

Saphala Ekadashi: हिंदू कैलेंडर के हिसाब से 12 महीने होते हैं और हर महीने में दो पक्ष कृष्ण और शुक्ल पक्ष होता है. इन दोनों पक्षों में एक-एक एकादशी होती है. ऐसे में एक साल में 24 एकादशी होती है. इसकी संख्या मलमास पड़ने पर ज्यादा भी हो सकती है. पश्चिमी कैलेंडर के हिसाब से नया साल 2024 का प्रारंभ हो चुका है. ऐसे में इस साल सबसे पहली एकादशी सफला एकादशी पड़ रही है. यह इस साल की पहली एकादशी होगी जो 7 जनवरी को पड़ रही है. ऐसे में बता दें कि हिंदू कैलेंडर के हिसाब से पौष माह के कृष्ण पक्ष में पड़नेवाली एकादशी को सफाल एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी अपने नाम के हिसाब से ही फल भी देती है, यह सफलता के द्वार खोलती है. 

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सफला एकादशी के व्रत को करनेवाले लोगों को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है. उनपर श्री हरिनारायण विष्णु और माता लक्ष्मी की असीम कृपा होती है. ऐसे में इस व्रत को करनेवालों के लिए कथा सुनने का भी अनिवार्य नियम है. ऐसे में इस दिन पूरी श्रद्धा से किया गया सफला एकादशी का व्रत आपको हर क्षेत्र में सफलता दिला सकता है. माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद आपको खूब मिलता है. यह मोक्ष की प्राप्ति कराने वाला व्रत है. 

यह सफला एकादशी का व्रत सभी कष्टों को हरने वाला और साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाने वाला है. ऐसे में इस सफला एकादशी की तिथि तो आपने जान ली लेकिन इसके लिए पूजा का शुभ मुहुर्त भी आप जान लें. ऐसे में बता दें कि सात जनवरी की रात 12:41 मिनट पर सफला एकादशी प्रारंभ होगी. सूर्य का उदया तिथि के अनुसार ऐसे में सफला एकादशी का व्रत 7 जनवरी को ही रखा जाएगा. वहीं इस व्रत का पारण 8 जनवरी को सुबह 9:30 बजे के बाद किया जाएगा. 

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