Uttarkashi Tunnel Collapse: झारखंड के 15 मजदूरों को फ्लाइट से लाने उत्तरकाशी गई सरकार की टीम, बेटे की राह देखते पिता ने तोड़ा दम
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Uttarkashi Tunnel Collapse: झारखंड के 15 मजदूरों को फ्लाइट से लाने उत्तरकाशी गई सरकार की टीम, बेटे की राह देखते पिता ने तोड़ा दम

Jharkhand News: उत्तराखंड के सिलक्येरा में टनल से बाहर आए झारखंड के 15 मजदूरों को फ्लाइट से वापस लाया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार के अफसरों की टीम उत्तरकाशी रवाना हुई है. हॉस्पिटल से छुट्टी मिलते ही इन्हें देहरादून से दिल्ली और उसके बाद रांची लाया जाएगा.

Uttarkashi Tunnel Collapse: झारखंड के 15 मजदूरों को फ्लाइट से लाने उत्तरकाशी गई सरकार की टीम, बेटे की राह देखते पिता ने तोड़ा दम

रांची: उत्तराखंड के सिलक्येरा में टनल से बाहर आए झारखंड के 15 मजदूरों को फ्लाइट से वापस लाया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार के अफसरों की टीम उत्तरकाशी रवाना हुई है. हॉस्पिटल से छुट्टी मिलते ही इन्हें देहरादून से दिल्ली और उसके बाद रांची लाया जाएगा. मजदूरों के घरों में लोग उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

इस बीच एक मजदूर भक्तू मुर्मू के सुरक्षित घर लौट आने की आस देखते-देखते उसके पिता बारसा मुर्मू ने मंगलवार को दम तोड़ दिया. भक्तू मुर्मू पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड अंतर्गत बाहदा गांव का रहने वाला है. उसके 70 वर्षीय पिता बासेत उर्फ बारसा मुर्मू 17 दिनों से बेटे के इंतजार में खाट पर पड़े-पड़े बीमार हो गए थे. वह हर किसी से अपने बेटे का हाल पूछ रहे थे.

मंगलवार को उनके सब्र का बांध टूट गया और जिस खाट पर बैठकर वह बेटे का इंतजार कर रहे थे, उसी खाट से गिरकर उनकी मौत हो गयी. उनकी बूढ़ी पत्नी की आंखें पथरा गई हैं. परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. बताया गया है कि राज्य के वरिष्ठ आईएएस भुवनेश प्रताप सिंह और संयुक्त श्रमायुक्त राजेश प्रसाद बुधवार को उत्तरकाशी पहुंचेंगे. उनके साथ सभी मजदूरों के 30 नवंबर या 1 दिसंबर तक रांची पहुंचने और घर लौटने की संभावना है.

रांची के ओरमांझी प्रखंड अंतर्गत खीराबेड़ा में कल से ही खुशी का माहौल है. इस गांव के तीन मजदूर सुकराम बेदिया, अनिल बेदिया और राजेंद्र बेदिया टनल में फंसे थे. इनके सुरक्षित निकलने के बाद परिजनों ने चैन की सांस ली. मंगलवार की रात इस गांव के लोगों ने घरों में दीये जलाकर खुशियां मनाईं.

पूर्वी सिंहभूम के टिंकू सरदार, गुणोधर नायक, रंजीत लोहार, रवींद्र नायक, समीर नायक और महादेव नायक के गांवों में भी परिजनों और गांव के लोगों की निगाहें कल शाम तक टीवी और मोबाइल पर टिकी थीं. जैसे ही सबके टनल से बाहर निकलने की खबर मिली, लोगों ने मिठाइयां बांटीं.

गिरिडीह के बिरनी निवासी सुबोध कुमार के सुरंग से बाहर निकलने के बाद उसके पिता बुधन महतो और घर लोगों ने गांव के मंदिर में माथा टेका. बुधन महतो ने कहा कि अब बेटे के जल्द घर लौटने का इंतजार है.

खूंटी जिले के गुमड़ू गांव निवासी विजय होरो के परिवार में 17 दिनों के बाद बुधवार को चूल्हा जला है. उनकी पत्नी सनारती देवी ने कहा कि हमलोग भगवान के दरवाजे पर सिर पटक रहे थे. उन्होंने हमारी प्रार्थना सुन ली.

इनपुट-आईएएनएस के साथ

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