Anant Singh: जब अनंत सिंह के सीने में दाग दी गई थी गोली, डॉक्टरों को भी था जान का खतरा, फिर छोटे सरकार ने कैसे दी मौत को मात?
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Anant Singh: जब अनंत सिंह के सीने में दाग दी गई थी गोली, डॉक्टरों को भी था जान का खतरा, फिर छोटे सरकार ने कैसे दी मौत को मात?

Anant Singh News: अनंत सिंह पर एक नहीं बल्कि कई बार जानलेवा हमला हो चुका है. छोटे सरकार ने हमेशा मौत को मात दी है. उनके हाथ-पैर से लेकर सीने तक में गोलियों के निशान दर्ज हैं.

अनंत सिंह

Anant Singh Latest News: बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह पर बुधवार (22 जनवरी) को जानलेवा हमला हुआ. बताया जा रहा है कि बदमाशों ने अनंत सिंह के काफिले पर 50 से 60 राउंड फायरिंग की. कुख्यात अपराधी सोनू-मोनू गैंग के बीच हुए गैंगवार पूर्व विधायक अनंत सिंह बाल-बाल बचे. इस घटना के बाद नौरंगा गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. वहीं पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह पहली घटना नहीं है जब अनंत सिंह पर जानलेवा हमला हुआ हो. छोटे सरकार एक बार नहीं बल्कि कई बार मौत को मात दे चुके हैं. अनंत सिंह की कहानी में दो किरदारों का काफी जिक्र होता है, एक खुद अनंत सिंह और दूसरे विवेका पहलवान.

विवेका पहलवान और अनंत सिंह एक दूसरे के गोतिया हैं, लेकिन दोनों की दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है. दोनों की दुश्मनी में मोकामा की गलियों में अक्सर खून बहता था और लाशें गिरीं. अनंत सिंह के बड़े भाई फाजो सिंह भी इसी अदावत का शिकार हो गए थे. कहते हैं कि फाजो सिंह की हत्या के बाद अनंत सिंह ने विवेका पहलवान के गैंग के सदस्यों को मार गिराया था. इससे विवेका पहलवान काफी नाराज हुआ और अनंत सिंह को मारने का मौका तलाशने लगा. साल 2004 में अनंत सिंह अपने 30 साथियों के साथ अपने गांव वाले घर की छत पर सोए हुए थे. तभी उन पर जानलेवा हमला हुआ.

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इस हमले में अनंत सिंह को गोली पीठ में लगी. गोली पीठ को चीरते हुए सीने तक पहुंच गई. आनन-फानन में उन्हें खजांची रोड के आलोक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर नरेंद्र सिंह ने उनका इलाज किया. उस वक्त अस्पताल में एक अनजान फोन आया जिसमें अनंत सिंह का ऑपरेशन करने पर डॉक्टरों जान से मारने की धमकी दी गई. जिसके बाद अनंत के भाई दिलीप सिंह ने अस्पताल के बाहर बंदूकधारियों का पहरा बिठाया और अपने देखरेख में ऑपरेशन कराया था. ऑपरेशन सफल रहा था. एक बार अनंत सिंह पर स्टेडगन से गोलियों की बौझार की गई थी. भाई दिलीप सिंह की जान बचाने के लिए अनंत सिंह ने सारी गोलियां अपने हाथ पर झेल ली थीं. जिसके बाद उनके हाथ में स्टील का रॉड लगाया गया था.

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