झारखंड विधानसभा में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोलते हुये कहा कि अविश्वास ऐसा कि साथ के विधायक दो दिन भी इनसे संभल नहीं रहे हैं.
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Ranchi: झारखंड विधानसभा में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोलते हुये कहा कि अविश्वास ऐसा कि साथ के विधायक दो दिन भी इनसे संभल नहीं रहे हैं. मरांडी ने रविवार को सोरेन पर हमलावर अंदाज में व्यंग्यात्मक लहजे में ट्वीट किया, 'लगता है अविश्वास ऐसा कि इनसे, साथ के विधायक दो दिन भी नहीं संभल रहे .'
बीमारी से लेकर तमाम तरह के बहाने बनाकर संवैधानिक संस्थाओं से बार-बार समय माँगने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अब इतनी जल्दबाज़ी है कि चुनाव आयोग/महामहिम राज्यपाल तक पर निर्णय तुरंत करने का दवाब बना रहे है।
लगता है अविश्वास ऐसा कि इनसे साथ के विधायक दो दिन भी नहीं संभल रहे?
— Babulal Marandi (@yourBabulal) August 28, 2022
उन्होंने लिखा, 'बीमारी से लेकर तमाम तरह के बहाने बनाकर संवैधानिक संस्थाओं से बार-बार समय मांगने वाले मुख्यमंत्री को अब इतनी जल्दबाज़ी है कि वह महामहिम राज्यपाल तथा निर्वाचन आयोग पर तुरंत निर्णय करने का दवाब बना रहे है.
फैसला आने के पूर्व ही संस्थाओं को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। महागठबंधन के लोग बताएं के चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री जी को पक्ष रखने का हर मौका दिया या नहीं। कई बार सुनवाई टाली गई मामले में जानबूझकर देरी की गई ।अब वही लोग राजभवन,चुनाव आयोग पर फैसला जल्दी देने का दबाव डाल रहे हैं।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) August 28, 2022
एक अन्य ट्वीट में मरांडी ने कहा, 'फैसला आने के पूर्व ही संस्थाओं को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. महागठबंधन के लोग बताएं कि चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री जी को पक्ष रखने का हर मौका दिया या नहीं. कई बार सुनवाई टाली गई मामले में जानबूझकर देरी की गई. अब वही लोग राजभवन और चुनाव आयोग पर फैसला जल्दी देने का दबाव डाल रहे हैं.'
इससे पूर्व सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्यपाल और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा नौ ए के तहत मुख्यमंत्री की विधायकी खत्म करने की चर्चा है, उसके तहत आज तक किसी की भी विधायकी नहीं गयी तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ संस्थाओं का दुरुपयोग क्यों किया जा रहा है. इतना ही नहीं पार्टी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या कारण है कि राज्यपाल ने अब तक अपना मंतव्य नहीं दिया है . ऐसी क्या कानूनी सलाह है जो वह ले नहीं पा रहे हैं. यह तो सरासर लोकतंत्र एवं जनता का अपमान है.
झामुमो के इस हमले के बाद एक बार फिर मरांडी ने जवाबी ट्वीट किया, 'महागठबंधन के नेता संवैधानिक संस्थाओं को निष्पक्ष काम करने दें. झारखंड में मुख्यमंत्री से जुड़े मामले में चुनाव आयोग या राज्यपाल की भूमिका पर जबरन सवाल उठाकर निष्पक्ष संस्थाओं को घेरने का काम किया जा रहा है. बेहतर होता कि महागठबंधन के नेता पहले आयोग के फैसले का विधिवत इंतजार करते.'
गोड्डा के सांसद और भाजपा नेता निशिकांत दूबे ने भी मुख्यमंत्री और गठबंधन के विधायकों के शनिवार को लतरातू बांध के पिकनिक दौरे पर तंज किया और कहा, 'ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री जी की सदस्यता भ्रष्टाचार में नहीं देश आज़ाद करने में गई है . भ्रष्टाचारी को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देकर जश्न मनाने वाले सभी विधायकों को बधाई.'
(इनपुट: भाषा)