हजारीबाग में छात्र-छात्राओं ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन
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हजारीबाग में छात्र-छात्राओं ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन

इस दौरान विद्यालय क कई विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि शिक्षक शिक्षिका विद्यालय में नियमित पाठयक्रम पढ़ाने में रुचि नहीं लेते है. स्कूल में चिकन बनाते हैं, विभिन्न फॉर्म भरने के लिए मनमाना फीस वसूलते हैं. 

हजारीबाग में छात्र-छात्राओं ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन

रांची : हजारीबाग के इचाक प्रखंड के आरएम प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय चंदा में शिक्षा व्यवस्था राम भरोसे है. स्कूल में नियमित पढ़ाई न होने से तंग आकर छात्र-छात्राओं ने विद्यालय के शिक्षक और शिक्षिकाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. हाथों में तख्ती लिए विद्यालय के सैकड़ों पर छात्र-छात्राओं ने मार्च निकालकर प्रशासन से स्कूल में व्यवस्था सुधारने की अपील की. 

छात्र और छात्राओं ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ लगाया आरोप
इस दौरान विद्यालय क कई विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि शिक्षक शिक्षिका विद्यालय में नियमित पाठयक्रम पढ़ाने में रुचि नहीं लेते है. स्कूल में चिकन बनाते हैं, विभिन्न फॉर्म भरने के लिए मनमाना फीस वसूलते हैं. छात्र और छात्राओं से पानी भरने, टॉयलेट और टंकी साफ कराने, विद्यालय परिसर की सफाई करने को मजबूर करते हैं. इसके अलावा काम नहीं करने पर प्रैक्टिकल में मार्क्स नहीं देने और नाम काट देने की धमकी दी जाती है. स्कूल में व्यवस्था सुधारने के लिए छात्र और छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. विद्यालय से निकलकर करियातपुर चंदा चौक होते हुए वापस विद्यालय विद्यालय गेट के पास जाकर धरना में तब्दील हो गया. इस दौरान विद्यार्थियों ने शिक्षक और शिक्षिकाओं के खिलाफ नारे लगाए. विद्यालय में नियमित पढ़ाई करवाने, अयोग्य शिक्षक शिक्षिकाओ को विद्यालय से हटाने सहित कई मांग करने लगे.

इस घटना पर क्या कहते है जिला शिक्षा पदाधिकारी
इस मामले पर हजारीबाग के जिला शिक्षा पदाधिकारी उपेंद्र नारायण ने बताया कि विद्यालय में नियमित पढ़ाई होती है. कोचिंग के कारण विद्यार्थी हमेशा देर से विद्यालय पहुंचते हैं और अटेंडेंस बन जाने के बाद विभिन्न प्रकार का बहाना बनाकर विद्यालय से छुट्टी लेकर जाने के फिराक में रहते हैं. बच्चे अनुशासित हों, पढ़ाई के पढ़ाई के प्रति एकाग्र हो, हमारा यही प्रयास रहता है. साथ ही कहा कि इस तरह की समस्या हजारीबाग के सभी स्कूलों में है जिसे जिला प्रशासन के द्वारा टीम गठित कर जांच कराए जाने की जरूरत है.

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