प्राथमिक शिक्षा के लिए सरकार हर साल करोड़ो रुपए खर्च करती है, ताकि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी पढ़-लिख कर बेहतर भविष्य बना सके, लेकिन कुछ शिक्षक ही सरकार की मंशा पर कुठाराघात करने पर उतारू है.
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गुमला: प्राथमिक शिक्षा के लिए सरकार हर साल करोड़ो रुपए खर्च करती है, ताकि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी पढ़-लिख कर बेहतर भविष्य बना सके, लेकिन कुछ शिक्षक ही सरकार की मंशा पर कुठाराघात करने पर उतारू है. मामला जिले के सुभारती क्षेत्र चैनपुर प्रखंड के आर.सी मध्य विद्यालय मालम नवाटोली का है. जहां शिक्षा ग्रहण करने किताब- कॉपी, कलम लेकर पहुंचे मासूम बच्चों से यहां के शिक्षकों के द्वारा कुणाल, ईंट, बालू, मिट्टी ढुलाई कर पेशेवर मजदूरों की तरह मजदूरी करवाई जा रही है.
विद्यालय में बच्चों से करवाई जा रही मजदूरी
यहां पर नए विद्यालय भवन का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही जल निर्माण का कार्य भी चल रहा है, लेकिन काम के लिए मजदूरों को न बुलाकर बच्चों से ये काम करवाया जा रहा है. उनके उज्जवल भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. छात्र-छात्राओं के माता-पिता का कहना है कि वे अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजते हैं, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके. जबकि स्कूल में उनसे मजदूरी कराई जा रही है. कलम थामने की उम्र में बच्चों के हाथों में स्कूल प्रबंधक ने कुदाल थमा दी है.
माता-पिता ने जताया दुख
बच्चों के माता-पिता ने आगे कहा कि बच्चे पढ़ लिखकर काबिल बने, इसके लिए हम कठोर परिश्रम करते हैं और बच्चों को स्कूल भेजते हैं. हमारे बच्चे स्कूल जाकर शिक्षा पाने की जगह मजदूरी का काम कर रहे हैं. यह काफी दुर्भाग्य की बात है. वहीं स्कूल में मजदूरी कर रहे बच्चों से मीडिया कर्मियों ने पूछा कि आप स्कूल पढ़ने आते हैं. यहां मजदूरी का काम क्यों कर रहे हैं तो उन बच्चों ने बताया कि सिस्टर ग्लोरिया के कहने पर हम यहां मजदूरी का काम कर रहे हैं. बच्चों ने बताया कि सुबह विद्यालय आने के कुछ देर बाद से ही हमें मजदूरी का काम करवाया जाता है.
प्रधानाध्यापक ने भी नहीं दिया कोई ठोस जवाब
इधर विद्यालय के प्रधानाध्यापक फादर रोबिन कुजूर से मीडिया कर्मियों ने मिलना चाहा तो पता चला वह किसी मीटिंग में गए हुए हैं. फोन के माध्यम से उन्हें सूचना हुई, जिसके बाद वह विद्यालय पहुंचे. हालांकि प्रधानाध्यापक ने भी मीडिया कर्मियों के सवाल पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया, उन्होंने कैमरे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. वहीं विद्यालय के सहायक शिक्षक सुबोध लकड़ा ने कहा कि बच्चों से टिफिन के टाइम में काम कराया जाता है. हालांकि जिस वक्त मीडिया कर्मी स्कूल पहुंचे थे, उस वक्त मात्र 10:45 हुए थे. वहीं इस संबंध में चैनपुर बीईओ अलमा सलोमी जोजो से फोन पर संपर्क की गई तो उन्होंने कहा मीटिंग में है बाद में बात करते हैं कहते हुए फोन काट दिया.
इनपुट- रणधीर निधि गुमला
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