झारखंड में अब तैरते हुए सोलर प्लांट से मिलेगी 1500 मेगावाट तक बिजली, तीन दर्जन से ज्यादा डैम तैयार
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झारखंड में अब तैरते हुए सोलर प्लांट से मिलेगी 1500 मेगावाट तक बिजली, तीन दर्जन से ज्यादा डैम तैयार

झारखंड बिजली वितरण निगम के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक रांची के सिकिदरी स्थित गेतलसूद डैम में वल्र्ड बैंक की मदद से 800 करोड़ की लागत से फ्लोटिंग पावर प्लांट लगाने का काम अगले तीन महीनों में शुरू हो जायेगा. 

राज्य के जल संसाधन विभाग ने भी इसके लिए एनओसी दे दी है.

रांची: सब कुछ ठीक रहा तो अगले पांच वर्षों में झारखंड के तीन दर्जन से ज्यादा डैम और जलाशयों के ऊपर तैरते हुए (फ्लोटिंग) सोलर प्लांटों से एक से डेढ़ हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. राज्य में इसी महीने से नयी सोलर पॉलिसी लागू होने के साथ राज्य सरकार के ऊर्जा विभाग ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिये हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार के उपक्रम डीवीसी (दामोदर वैली कॉरपोरेशन) ने भी राज्य में 500 मेगावाट बिजली उत्पादन के लक्ष्य के साथ तीन फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने की तैयारी की है. 

झारखंड बिजली वितरण निगम के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक रांची के सिकिदरी स्थित गेतलसूद डैम में वल्र्ड बैंक की मदद से 800 करोड़ की लागत से फ्लोटिंग पावर प्लांट लगाने का काम अगले तीन महीनों में शुरू हो जायेगा. इसके लिए झारखंड बिजली वितरण निगम और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) के बीच करार के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. राज्य के जल संसाधन विभाग ने भी इसके लिए एनओसी दे दी है.

इस प्लांट का निर्माण अगले तीन सालों में पूरा कर लिये जाने का लक्ष्य है. यहां से राज्य को लगभग 100 मेगावाट बिजली मिल सकेगी. बताया गया है कि फ्लोटिंग पावर प्लांट के लिए डैम में पिलर बनाकर उसके ऊपर सोलर पैनल लगाये जायेंगे. ये पैनल जलस्तर से एक फीट ऊपर होगा. तकनीक ऐसी है कि जलस्तर बढ़ने की स्थिति में पैनल को स्प्रिंग के जरिए ऊपर उठाया जायेगा.

गेतलसूद के अलावा झारखंड बिजली वितरण निगम की ओर से तेनुघाट डैम, बोकारो और गुमला में ऊपरी शंख डैम में भी फ्लोटिंग पावर प्लांट लगाये जाने से संबंधित प्लान का ड्राफ्ट ऊर्जा विभाग ने राज्य सरकार के पास भेजा है.

सभी प्लांट पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर लगाये जायेंगे. इसके लिए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य की सोलर पॉलिसी में कई रियायतों की घोषणा की गयी है. गौरतलब है कि राज्य में वर्ष 2027 तक 5200 करोड़ रुपये निवेश प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सरकार ने सोलर पॉलिसी में 31 ऐसे जलाशयों को चिन्हित किया है, जहां फ्लोटिंग सोलर प्लांट की संभावनाएं हैं. इसके अलावा नहरों पर भी कैनाल टॉप सोलर प्लांट लगाने की योजना है। झारखंड में 365 दिन में से लगभग 300 दिन सूरज की रोशनी तेज रहती है और इस लिहाज से यहां सोलर प्लांट की व्यापक संभावनाएं हैं.

इधर, केंद्र सरकार के उपक्रम डीवीसी ने भी राज्य के तिलैया, मैथन और कोनर डैम में फ्लोटिंग प्लांट लगाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. सबसे पहले चरण में 30 मेगावाट क्षमता के फ्लोटिंग सोलर प्लांट के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है. डीवीसी ने अगले एक साल के भीतर राज्य में 500 मेगावाट बिजली उत्पादन के लक्ष्य के साथ इन प्लांटों का काम शुरू करने का लक्ष्य तय किया है.

(आईएएनएस)

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