मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का प्रयास लाया रंग, ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार हुए 13 नाबालिगों को कराया गया मुक्त
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का प्रयास लाया रंग, ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार हुए 13 नाबालिगों को कराया गया मुक्त

Khunti: ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार हुए 13 नाबालिगों को आज दिल्ली से झारखंड लाया गया है. झारखंड के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नाबालिगों का रेस्क्यू किया गया. जिसमें 12 बच्चियां हैं, तो वहीं एक बच्चा भी शामिल है.

फाइल फोटो

Khunti: ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार हुए 13 नाबालिगों को आज दिल्ली से झारखंड लाया गया है. झारखंड के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नाबालिगों का रेस्क्यू किया गया. जिसमें 12 बच्चियां हैं, तो वहीं एक बच्चा भी शामिल है. इन बच्चों को ह्यूमन ट्रैफिकिंग कर बेच दिया गया था. सभी 13 नाबालिग को ह्यूमन ट्रैफिकिंग से बचा कर गरीब रथ से लाया गया है. उसके बाद सभी को खूंटी भेजा जाएगा. 

13 नाबालिगों को कराया मुक्त
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सार्थक प्रयास से लगातार मानव तस्करी के शिकार हुए नाबालिग बच्चों को मुक्त कराकर उनके घरों में वापस भेजा जा रहा है. इसी कड़ी में मानव तस्करी की शिकार झारखंड की 12 बच्चियों और 01 बच्चे को दिल्ली में मुक्त कराया गया है. यूनिट की टीम लगभग 15 दिनों से दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही थी. जिसके बाद इन बच्चों को मुक्त कराया है. इसी क्रम में कई अवैध रूप से संचालित प्लेसमेंट एजेंसियों का भी पता चला है, जो छोटी बच्चियों को दिल्ली में लाकर बेच देते हैं. जिनके खिलाफ कार्रवाई की जानी है. 

समाज कल्याण विभाग योजनाओं से जोड़ा गया
मानव तस्कर द्वारा भेजी गई बच्ची के साथ शारीरिक और मानसिक दोनों तरह का शोषण किया जाता है. कई बच्चियों पर शारीरिक शोषण किए जाने संबंधी दिल्ली में केस भी दर्ज हैं. आज सभी 12 बच्चियां और उनके साथ एक बच्चे को गरीब रथ से वापस रांची लाया गया है. जिन्हें समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि ये दोबारा मानव तस्करी का शिकार न बनने पाएं.

बहला फुसलाकर लाया गया था दिल्ली
जानकारी के मुताबिक दिल्ली में रेस्क्यू कराई गई बच्चियों को दलाल के माध्यम से लाया गया था. झारखंड में ऐसे दलाल बहुत सक्रिय हैं, जो छोटी बच्चियों को बहला-फुसलाकर अच्छी जिंदगी जीने का लालच देकर उन्हें दिल्ली लाते हैं. उसके बाद विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने से बेच देते हैं. जिससे उन्हें एक मोटी रकम प्राप्त होती है और इन बच्चियों की जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी जाती है.

माता पिता की होती है अहम भूमिका
दलालों के चंगुल में बच्चियों को भेजने में उनके माता-पिता की भी अहम भूमिका होती है. कई बार ऐसा देखा गया है कि बच्चियां अपने माता पिता और रिश्तेदारों की सहमति से ही दलालों के चंगुल में आती है.

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