शिक्षा में बदलाव की बानगी साबित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्र, निपुण बन रहे बच्चे
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शिक्षा में बदलाव की बानगी साबित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्र, निपुण बन रहे बच्चे

Anganwadi: उपायुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि पढ़ाई-लिखाई और पोषण के अलावा तमाम आंगनबाड़ी केंद्रों में बुनियादी सुविधाएं भी बहाल की जा रही हैं. लो कॉस्ट और नो कॉस्ट पर आंगनबाड़ी केंद्रों को सजाया संवारा जा रहा है.

शिक्षा में बदलाव की बानगी साबित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्र, निपुण बन रहे बच्चे

कोडरमा :  झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्र में बने पोषाहार केंद्र बच्चों को पोषण के साथ-साथ जरूरी संस्कार भी दे रहे हैं. पहले इन केंद्रों में आसपास के बच्चे आते थे और खा-पीकर घर चले जाते थे, लेकिन कोडरमा के आंगनबाड़ी केंद्रों में आज अभूतपूर्व बदलाव आ गया है. बेहतर पोषण के साथ बच्चों को यहां शिक्षा का बेहतर माहौल दिया जा रहा है. आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका मीरा देवी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में अब बच्चे आते हैं तो उनका वेलकम किया जाता है. बच्चे एक दूसरे को गले लगाकर स्वागत करते हैं. इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को योगा और शारीरिक व्ययाम भी सिखाया जाता है. यही वजह है कि कोडरमा के तमाम आंगनबाड़ी केंद्रों में अब बच्चों की संख्या बढ़ रही है . साथ ही बच्चों के अभिभावक भी आंगनबाड़ी केंद्रों में बदलाव से खुश नजर आ रहे हैं. यहां छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाई-लिखाई और पोषण के अलावा दूसरे गतिविधियों में भी निपुण बनाया जा रहा है.

आंगनबाड़ी केंद्रों में बहाल हो रहीं बुनियादी सुविधाएं
उपायुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि पढ़ाई-लिखाई और पोषण के अलावा तमाम आंगनबाड़ी केंद्रों में बुनियादी सुविधाएं भी बहाल की जा रही हैं. लो कॉस्ट और नो कॉस्ट पर आंगनबाड़ी केंद्रों को सजाया संवारा जा रहा है. सरकार ने भवन और बिल्डिंग तो खूब बनाए हैं, लेकिन जरूरत है उन भवनों में तैयार होने वाले बेहतर कल की. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि जब बच्चे आंगनबाड़ी से निकलकर स्कूल पहुंचे तो उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो साथ ही जो माहौल निजी प्ले स्कूलों में बच्चों को मिलता है, वही माहौल बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में मिले. 

वेलकम से लेकर गुडबाय तक की शिक्षा
जिस तरह से आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को वेलकम से लेकर गुडबाय तक की शिक्षा दी जा रही है, निसंदेह पढ़ाई-लिखाई की यह तस्वीर आज से पहले तक निजी स्कूलों में ही दिखाई देती थी, लेकिन अब यह सच कोडरमा के तमाम आंगनबाड़ी केंद्रों में साकार हो रहा है. यह सरकारी शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की बानगी साबित होगी. 

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