Rama Ekadashi Importance: एकादशी पर तुलसी, आंवले और पीपल के पेड़ की पूजा करने की भी परंपरा है. कार्तिक महीना होने से इस व्रत का महत्व और बढ़ जाता है.
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पटनाः Rama Ekadashi Importance: रमा एकादशी को साल भर में आने वाली एकादशियों में महत्वपूर्ण माना जाता है. ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार, रमा एकादशी व्रत का पालन करके पर्यवेक्षक अपने पिछले पापों से मुक्ति पा सकते हैं. भक्त जो इस दिन भगवान विष्णु की महिमा सुनते हैं, मोक्ष प्राप्त करते हैं. इस व्रत को करने से प्राप्त गुण कई अश्वमेध यज्ञों और राजसुय यज्ञों द्वारा किए गए गुणों से कहीं अधिक हैं. भक्त जो इस उपवास का पालन समर्पण और श्रद्धा से करते हैं वे अपने जीवन में भारी सफलता प्राप्त करने में सक्षम होते हैं. पुराणों के मुताबिक रमा एकादशी व्रत से कामधेनु और चिंतामणि के समान फल मिलता है. इस व्रत को करने से समृद्धि और संपन्नता बढ़ती है. इस व्रत से लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं. पद्म पुराण का कहना है कि रमा एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा भी मिलती है. जिसके प्रभाव से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं. मृत्यु के बाद विष्णु लोक मिलता है.
तुलसी, आंवले और पीपल पेड़ की पूजा
इस एकादशी पर तुलसी, आंवले और पीपल के पेड़ की पूजा करने की भी परंपरा है. कार्तिक महीना होने से इस व्रत का महत्व और बढ़ जाता है. इस दिन इन तीनों पेड़-पौधों की पूजा करने से कई यज्ञों को करने का पुण्य मिलता है. इस एकादशी पर दीपदान भी किया जाता है. इस दिन तुलसी, आंवले और पीपल के पेड़ सहित मंदिरों और नदी, तालाबों के किनार दीपदान करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं.
एकादशी पर शिव पूजा का महत्व
कुंडली में शुक्र ग्रह से संबंधित दोष हों तो शुक्रवार को शिव पूजा करनी चाहिए. शिव पूजा से शुक्र ग्रह के दोष दूर हो सकते हैं. इस दिन शिव जी की भी विशेष पूजा करनी चाहिए. शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और चांदी के लोटे से दूध अर्पित करें. इसके बाद दोबारा जल चढ़ाएं. ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करते रहें. शिवलिंग पर बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा चढ़ाएं. चंदन का तिलक करें. मिठाई का भोग लगाएं और धूप-दीप जलाएं. शिवलिंग के सामने बैठकर शिव जी के मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें. पूजा के अंत में क्षमा याचना करें. प्रसाद बांटें और खुद भी लें.
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