Vijay Kumar Singh Death: सुबह हमसे बोले कि नाश्ता बनाओ. मुझे पटना रैली में जाना है. मैंने उनके लिए नाश्ता बनाया और वे नहाकर नाश्ता किए. एक रोटी और मांगे. मैंने रोटी दी. नाश्ता करने के बाद वे तैयार हो गए
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Vijay Kumar Singh Death: सुबह हमसे बोले कि नाश्ता बनाओ. मुझे पटना रैली में जाना है. मैंने उनके लिए नाश्ता बनाया और वे नहाकर नाश्ता किए. एक रोटी और मांगे. मैंने रोटी दी. नाश्ता करने के बाद वे तैयार हो गए. मैं बरामदे में थी और वे गेट पर. मैंने पूछा- कब तक आइएगा तो बोले शाम तक घर लौट आउंगा. ये बातें विजय कुमार सिंह की पत्नी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कही. भाजपा के जहानाबाद के कल्पा गांव के विजय कुमार सिंह पटना तो गए पर अब कभी लौट नहीं पाएंगे. पटना में विधानसभा मार्च के दौरान डाकबंगला चैराहे पर हुए लाठीचार्ज में उनकी जान चली गई. जख्मी हालत में भाजपा कार्यकर्ता उन्हें लेकर अस्पताल गए, जहां डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कल्पा गांव में रूपेश नाम के एक युवक ने फोन कर जख्मी होने की सूचना और कुछ देर बाद ही उसी रूपेश कुमार ने फोन कर जानकारी दी कि विजय कुमार सिंह अब नहीं रहे. यह खबर सुनते ही कल्पा गांव में मातम पसर गया. विजय कुमार सिंह के परिवार में एक बेटा और तीन बेटियां हैं. दो बेटियों की शादी हो चुकी है और एक बेटी अविवाहित है. अब विजय कुमार सिंह अपनी छोटी बेटी का कन्यादान नहीं कर पाएंगे.
गुरुवार देर शाम विजय कुमार सिंह का पार्थिव शरीर भाजपा के पटना स्थित कार्यालय लाया गया और शुक्रवार को फतुहा में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने विजय कुमार सिंह के बेटे से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चैधरी ने ऐलान किया है कि पूरे बिहार में शुक्रवार को विजय कुमार सिंह की हत्या पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा.
बता दें कि बिहार भाजपा के नेताओं ने युवाओं को रोजगार और 10 लाख नौकरी के अलावा शिक्षकों के मसलों पर राज्य सरकार की हीलाहवाली का आरोप लगाते हुए विधानसभा मार्च का आह्वान किया था. गांधी मैदान से 12.30 बजे विधानसभा मार्च के लिए भाजपा नेता निकले. मार्च गांधी मैदान से डाकबंगला चैराहे पर पहुंचा कि वहां पहले से मौजूद पुलिसकर्मियों ने भाजपा नेताओं पर लाठी चार्ज कर दिया. इतना ही नहीं, आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए और वाटर कैनन का भी प्रयोग किया गया.
पुलिस के अचानक बल प्रयोग से वहां भगदड़ मच गई और भाजपा विधायकों, सांसदों और कार्यकर्ता जान बचाकर भागने लगे. पुलिसवालों ने पूर्व मंत्री, विधायक और यहां तक कि सीआरपीएफ सिक्योरिटी कवर सांसदों को भी नहीं छोड़ा. सांसद जर्नादन सिग्रीवाल ने तो यहां तक कहा कि मैं सांसद हूं, मुझे तो छोड़ दो, लेकिन लाठियां एक बार उठ चुकी थीं तो कहां थमने वाली थीं. लाठियों में जैसे खून पीने का भूत सवार था. एक-एक कर कई विधायक और कार्यकर्ता खून से नहा गए.
अब बीजेपी ने ऐलान किया है कि शुक्रवार को राजभवन का घेराव किया जाएगा. इसके अलावा यह भी दीगर बात है कि शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र का आखिरी दिन है और भाजपा ने अपने विधायकों और विधान पार्षदों से विधानभवन पहुंचने की अपील की है. जाहिर है शुक्रवार का दिन पटना के लिए एक बार फिर बहुत बड़ा होने वाला है. देखना यह है कि शुक्रवार का दिन क्या रंग लाता है.
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