ज्योतिषियों का कहना है कि शरद पवार की कुंडली में दशमेश सूर्य से अंतर्दशा का स्वामी शुक्र 12वें स्थान में बैठा है तथा लग्न से भी 12वें स्थान में ही आ गया है. कुंडली में ग्रहों की ऐसी स्थिति होने पर यदि बुध की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा आ जाए तो ऐसे समय में मानहानि, हृदय का रोग, अतिसार की पीड़ा एवं आत्मीय बंधुओं का वियोग सहना पड़ता है.
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आ गया है. एनसीपी नेता अजित पवार ने एक बार फिर से अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी है. शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम बनने के साथ ही अजीत पवार ने पार्टी पर भी अपना अधिकार ठोंक दिया है. अजित पवार ने दावा किया कि NCP पार्टी और सिंबल उनका है. हालांकि, शरद पवार ने साफ कर दिया कि एनसीपी के अध्यक्ष वो हैं. चाचा-भतीजे के इस पावर पॉलिटिक्स में शरद पवार क्या अपनी पार्टी को बचा पाएंगे, ये एक बड़ा सवाल है. क्योंकि कुछ इसी तरह सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को तोड़ा था. नतीजा ये हुआ कि ठाकरे परिवार की शिवसेना के दो टुकड़े हो गए.
ज्योतिषियों का मानना है कि शरद पवार की कुंडली में ग्रह नक्षत्र अच्छे नहीं चल रहे हैं. उनका कहना है कि शरद पवार की कुंडली में दशमेश सूर्य से अंतर्दशा का स्वामी शुक्र 12वें स्थान में बैठा है तथा लग्न से भी 12वें स्थान में ही आ गया है. कुंडली में ग्रहों की ऐसी स्थिति होने पर यदि बुध की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा आ जाए तो ऐसे समय में मानहानि, हृदय का रोग, अतिसार की पीड़ा एवं आत्मीय बंधुओं का वियोग सहना पड़ता है. इसे देखते हुए शरद पवार को बहुत सतर्क और सावधान रहने की भी जरूरत है. इस वक्त विपक्षी एकता की सारी योजना भी फेल होती नजर आ रहा है. बता दें कि शरद पवार ने कांग्रेस को तोड़कर एनसीपी बनाई थी. उन्होंने सबसे पहले सोनिया गांधी के विदेशी होने का मुद्दा उठाया था और इसी मुद्दे पर कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी बनाई थी.
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महाराष्ट्र की सियासी आग बिहार भी पहुंच गई है. एनसीपी के टूटने से विपक्षी एकता पर सवाल उठने लगे हैं. बिहार में बीजेपी सहित तमाम दल इसको लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा रहे हैं. RLJD प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने विपक्षी एकता पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जो कुछ हुआ है वह बहुत अस्वभाविक नहीं है. इस तरह की कोशिश विपक्षी एकता के नाम पर देशभर में चल रही है. ऐसे में यहां इस तरह का परिणाम होना ही था. उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता नाम का जो शिशु है वह गर्भ में ही विकलांग हो गया है.
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महाराष्ट्र में हुए सियास फेरबदल पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने अन्य राज्यों में भी इस तरीके की फूट पड़ने का दावा किया. उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि बिहार में भी ऐसा हो सकता है, क्योंकि नीतीश कुमार का कोई भरोसा नहीं वह इधर से उधर पलटा मारते रहते हैं. उन्होंने जयंत चौधरी को लेकर भी कहा कि वह भी जल्द ही एनडीए के साथ आ सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि समाजवादी पार्टी के तमाम नेता भी बीजेपी के साथ आ सकते हैं. मायावती को लेकर उन्होंने कहा कि UCC का समर्थन करने पर कहा कि अच्छी बात है. उन्हें ये यह बात समझ में आ रही है. NDA के साथ आती है तो उनका ही फायदा होगा.