पीएम मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर से की बात, 26 जनवरी को दिल्ली आने का दिया न्योता
Advertisement

पीएम मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर से की बात, 26 जनवरी को दिल्ली आने का दिया न्योता

Karpoori Thakur Jayanti: रामनाथ ठाकुर ने कहा कि 36 साल के संघर्ष के बाद यह भारत रत्न देने के लिए मैं भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं. इसके लिए मैं अपनी तरफ से अपनी पार्टी की तरफ से और बिहार की 15 करोड़ जनता की तरफ से धन्यवाद देना चाहता हूं. 

पीएम मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के बेटे से की बात (File Photo)

Karpoori Thakur Jayanti: पीएम नरेंद्र मोदी ने समाजवादी प्रतीक कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर से फोन पर बात की. पीएम मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर को 26 जनवरी को सपरिवार दिल्ली आने के लिए आमंत्रित किया. साथ ही पीएम ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने पर बधाई दी. जदयू के राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें फोन कर बधाई दी. साथ ही दिल्ली स्थित आवास पर आने का निमंत्रण दिया. 

जदयू सांसद ने मोदी सरकार को धन्यवाद दिया

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे और जदयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने अपने पिता को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए मोदी सरकार को धन्यवाद दिया है. 

36 साल का संघर्ष-रामनाथ ठाकुर

रामनाथ ठाकुर ने कहा कि 36 साल के संघर्ष के बाद यह भारत रत्न देने के लिए मैं भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं. इसके लिए मैं अपनी तरफ से अपनी पार्टी की तरफ से और बिहार की 15 करोड़ जनता की तरफ से धन्यवाद देना चाहता हूं. दलित समुदाय की ओर से मैं भारत सरकार के प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं.

कर्पूरी ठाकुर को जानिए
साल 1924 में समस्तीपुर जिले के पितौंझा गांव में जन्मे कर्पूरी ठाकुर ने 1940 में मैट्रिक की परीक्षा पास की. उन्होंने आचार्य नरेंद्र देव के साथ जुड़कर स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया। कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक यात्रा को समाज के उत्पीड़ित वर्गों के उत्थान के लिए अटूट प्रतिबद्धता को परिभाषित किया.

मुख्यमंत्री कार्यकाल
बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते हुए कर्पूरी ठाकुर ने सामाजिक भेदभाव और असमानता के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनकी नीतियां सकारात्मक कार्रवाई, वंचितों को अवसर प्रदान करने पर केंद्रित थीं.

ये भी पढ़ें: बीजेपी रोड पर मनाएगी कर्पूरी ठाकुर की जयंती, एक क्लिक में पढ़ें पूरी खबर

राजनीतिक यात्रा
साल 1952 में ताजपुर निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार विधायक के रूप में चुने गए, बाद में वह संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के एक प्रमुख नेता बन गए. जिसके कारण साल 1967 में बिहार की पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनी.

Trending news