नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर सियासी समीकरण क्या संकेत दे रही हैं, यहां जानिए..
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नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर सियासी समीकरण क्या संकेत दे रही हैं, यहां जानिए..

जनता दल (यू) के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में कहा, 'यदि आप देश में शख्सियतों का आकलन करें, तो नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के योग्य हैं. 

कई नेता बोल रहे हैं कि नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ने के बाद, एक बार फिर उन्हें कुछ लोगों द्वारा 2024 के आम चुनाव में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कहा जाने लगा है. लेकिन ज्यादातर विपक्षी दल अब भी जद (यू) नेता को उनके कई 'यू-टर्न' के मद्देनजर संदेह की नजर से देखते हैं. विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखने वाले नेताओं में से एक हैं और इनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हैं. 

जनता दल (यू) के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में कहा, 'यदि आप देश में शख्सियतों का आकलन करें, तो नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के योग्य हैं. हम आज कोई दावा नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनमें प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं.' 

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता शरद यादव ने भी कहा कि नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं. हालांकि, नीतीश कुमार ने अगले लोकसभा चुनावों में उनके प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा होने से जुड़े सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया. राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को 'पलटू राम' कहा था, जब वह 2017 में राजद-जद (यू)-कांग्रेस महागठबंधन से बाहर हो गए थे और भाजपा से हाथ मिला लिया था. 

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जहां तक ​​भ्रष्टाचार के आरोपों का सवाल है, नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर बेदाग रहा है, लेकिन एक बात जो उनके खिलाफ है, वह कई बार गठबंधन बदलते रहे हैं. राज्यसभा सदस्य चतुर्वेदी ने कहा, 'नीतीश कुमार एक ऐसे सहयोगी रहे हैं, जो अक्सर अपना मन बदलते रहते हैं. एक चीज उनके खिलाफ है, वह है भरोसा....'

 उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे भी भाजपा के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे और बतौर मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान खासकर कोविड -19 महामारी के समय स्वच्छ प्रशासन दिया. उन्होंने कहा, 'विपक्ष में कई योग्य नेता हैं और यह 2024 में देखा जाएगा कि चीजें किस प्रकार आकार लेती हैं.' वाम और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने बिहार के घटनाक्रम का स्वागत किया, लेकिन नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. 

राकांपा नेता मजीद मेमन ने कहा कि नीतीश कुमार, शरद पवार और ममता बनर्जी सहित उन कुछ लोगों में से एक हो सकते हैं, जिन्हें 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार के रूप में देखा जा सकता है. राज्यसभा के पूर्व सदस्य मेमन ने कहा, 'कुछ क्षेत्रीय नेता हैं. कुमार भी उनमें से एक हैं. निश्चित रूप से, वह एक दावेदार हैं. लेकिन अंतत: यह एक सर्वसम्मत फैसला होगा कि भाजपा को कौन चुनौती देगा.'

कभी नीतीश कुमार के करीबी रहे जद (यू) के पूर्व नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री भले ही सात जन्म ले लें, लेकिन वह कभी भी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे. भाजपा के राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने नीतीश कुमार के राजग से बाहर जाने को 'छुटकारा मिलना' करार दिया. उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा की कोई सीमा नहीं है. वह न तो बिहार और न ही अपनी पार्टी के लिए काम करते हैं, वह केवल अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए काम करते हैं. हालांकि, प्रधानमंत्री पद के लिए कोई रिक्ति नहीं है.' 

भाजपा नेता ने कहा कि कुमार के राजनीतिक जीवन पर वेब सीरीज 'पलटू राम पार्ट 1, पार्ट 2 और पार्ट 3' बनाई जा सकती है. कांग्रेस से निलंबित नेता संजय झा ने कहा कि 2024 में ममता बनर्जी की तुलना में नीतीश कुमार संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर अधिक स्वीकार्य चेहरा होंगे. 

(इनपुट-भाषा)

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