New Parliament House Row: राष्ट्रपति मुर्मू भी उद्घाटन करतीं तो क्या बहिष्कार नहीं करता विपक्ष?
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New Parliament House Row: राष्ट्रपति मुर्मू भी उद्घाटन करतीं तो क्या बहिष्कार नहीं करता विपक्ष?

इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले दलों का बहाना भले कुछ भी हो लेकिन हकीकत में ये सब सिर्फ मोदी विरोध में किया जा रहा है. इसकी क्या गारंटी है कि राष्ट्रपति उद्घाटन करते तो विपक्ष कोई विरोध नहीं करता क्योंकि इससे पहले तो कांग्रेस नेता राष्ट्रपति के लिए अपशब्द तक कह चुके हैं.  

नई संसद (File Photo)

New Parliament House Row: देश की नई संसद भवन बनकर तैयार हो चुकी है और 28 मई को पीएम मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं. देश के लिए तो ये गर्व का विषय है लेकिन विपक्ष के पेट में दर्द उठ रहा है. किसी को पीएम द्वारा उद्घाटन करना बर्दाश्त नहीं है, तो कोई वीर सावरकर की जयंती वाले दिन ही उद्घाटन को लेकर तिलमिलाया हुआ है. इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले दलों का बहाना भले कुछ भी हो लेकिन हकीकत में ये सब सिर्फ मोदी विरोध में किया जा रहा है. इसकी क्या गारंटी है कि राष्ट्रपति उद्घाटन करते तो विपक्ष कोई विरोध नहीं करता क्योंकि इससे पहले तो कांग्रेस नेता राष्ट्रपति के लिए अपशब्द तक कह चुके हैं.  

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि इस मुद्दे पर राजनीति राहुल गांधी के ट्वीट के बाद ही शुरू हुई. राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा था कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं. वहीं AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी दलित, पिछड़ों और आदिवासियों की जन्मजात विरोधी है. शायद संजय सिंह ये भूल गए कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खुद आदिवासी समाज से हैं और उन्हें इस पद तक बीजेपी ने ही पहुंचाया है.

कहीं हेट पॉलिटिक्स तो नहीं?

अब सवाल ये उठता है कि क्या ये सब कुछ देश में मोदी से हेट पॉलिटिक्स का हिस्सा तो नहीं. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के एक ट्वीट से सबकुछ साफ हो जाएगा. उन्होंने अपने ट्वीट में विपक्ष को कुछ पुरानी घटनाओं को याद दिलाया. 2014 में झारखंड और असम की विधानसभा का उद्घाटन हुआ था. मुख्यमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन किया गया था राज्यपाल को बुलाया तक नहीं गया था. 

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ऐसे ही 2018 में आंध्र प्रदेश और 2020 में तेलंगाना में भी राज्यपाल को बिना बुलाए हुए मुख्यमंत्री ने विधानसभा का उद्घाटन किया था. ये तो कुछ भी नहीं 2020 में छत्तीसगढ़ विधानसभा का उद्घाटन हुआ था. इस कार्यक्रम में भी राज्यपाल को नहीं बुलाया गया था वहीं उद्घाटन सोनिया गांधी ने किया था. तो जब सोनिया गांधी विधानसभा का उद्घाटन कर सकती हैं तो कांग्रेस पार्टी को पीएम मोदी द्वारा नई संसद का उद्घाटन करने पर क्यों आपत्ति है.

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