बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान ने कहा कि बिहार में शराब बंदी कानून 2016 से लागू की गई थी. इसमें संसोधन भी किए गए, लेकिन लगातार इस पर सवाल खड़े होते रहे हैं. लेकिन सच तो यह है कि शराब बंदी के बिहार में रहने वाले लोगों के अंदर काफी बदलाव आया है.
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कैमूरः हम पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अक्सर विवादित बयानों की वजह से चर्चा में बने रहते हैं. एक बार फिर उन्होंने कहा कि दो घुट शराब पीना दवा की तरह फायदा करता है. इस बात को लेकर बवाल मच चुका है. बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि शराब बहुत बुरी चीज है शराब की जगह लोगों को दूध पीना चाहिए.
लोगों को नहीं पीनी चाहिए शराब
बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया मांझी हमारे गार्जियन हैं वह जो कहे हैं उनकी अपनी सोच है, लेकिन हम कहेंगे कि शराब नहीं पीनी चाहिए. शराब से सिर्फ नुकसान है और कुछ नहीं. शराब की जगह आधा गिलास दूध पीजिए, लेकिन शराब नहीं पीजिए. शराब बंद होने से बिहार को काफी फायदा हुआ है. लड़ाई झगड़े और एक्सीडेंट बंद हो गए हैं. जब भी हम लोग आते जाते थे तो चार-पांच लोग झगड़ा करते हुए मिल जाया करते थे हम लोग खड़े होकर छुड़ाते थे. लेकिन आज स्थिति बदल गई है. सब से अपील है कि शराब की जगह दूध पियो. शराब को लेकर कौन क्या कह रहा है मैं यह नहीं जानता. मेरा सबसे अपील है कि शराब नहीं पीना चाहिए.
बिहार में 2016 में बंद की गई थी शराब बंदी
मंत्री जमाखान ने कहा कि बिहार में शराब बंदी कानून 2016 से लागू की गई थी. इसमें संसोधन भी किए गए, लेकिन लगातार इस पर सवाल खड़े होते रहे हैं. लेकिन सच तो यह है कि शराब बंदी के बिहार में रहने वाले लोगों के अंदर काफी बदलाव आया है. कई लोग तो ऐसे है जिन्होंने शराब को पूरी तरह छोड़ दिया है.
हर किसी को करना चाहिए शराब का त्याग
बता दें कि शराब शराीरिक रूप से बहुत गलत है. लेकिन कुछ लोग है कि आदत से बाज नहीं आते है. शराब को दवा का नाम दे रहे हैं. शराब बंदी से कई लोगों के जीवन में बदलाव आया है और अब वह आच्चे से जीवन यापन कर रहे हैं.
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