Jitan Ram Manjhi: शराबबंदी पर जीतन राम मांझी का नहीं बदला रुख, केंद्रीय मंत्री बनने के बाद बोले- मुख्यमंत्री से बात करेंगे
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Jitan Ram Manjhi: शराबबंदी पर जीतन राम मांझी का नहीं बदला रुख, केंद्रीय मंत्री बनने के बाद बोले- मुख्यमंत्री से बात करेंगे

Jitan Ram Manjhi News: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून में कई प्रकार की अनियमिताएं हैं. इसके भुक्तभोगी हमारे सबसे अधिक कोई हो रहे हैं, तो वह महादलित गरीब तबके के लोग हैं.

जीतन राम मांझी

Jitan Ram Manjhi On Liquor Ban: बिहार में शराबबंदी को लेकर जीतन राम मांझी का केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भी रुख नहीं बदलता नहीं दिख रहा है. केंद्रीय मंत्री मांझी ने कहा कि शराबबंदी से सबसे ज्यादा नुकसान हमारे गरीब मजदूर भाइयों को झेलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि एक ओर तस्कर मालामाल हो रहे हैं और दूसरी ओर गरीब, पिछड़े और दलितों को परेशान किया जाता है. मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून में कई प्रकार की अनियमिताएं हैं. इसके भुक्तभोगी हमारे सबसे अधिक कोई हो रहे हैं, तो वह महादलित गरीब तबके के लोग हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर बात करेंगे.

एनडीए में रहने के बाद भी जीतन राम मांझी राज्य में शराबबंदी को खत्म करने की मांग कर रहे हैं. वह लगातार शराबबंदी कानून की मुखालफत करते रहते हैं. एक बार मांझी ने कहा था कि शराबबंदी कानून के कारण बिहार में उद्योग और पर्यटक नहीं आ रहे हैं. मांझी ने कहा था कि जब लोग बाहर से आते हैं तो इससे राज्य को फॉरेन एक्सचेंज मिलता है. उन्होंने कहा था कि बिहार में पर्यटन उद्योग पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है, केवल कागजों में पर्यटन उद्योग आगे बढ़ा है. उन्होंने कहा कि बोधगया जाकर यह देख सकते हैं कि लोग दिन में वहां आते हैं और शाम में बनारस या हजारीबाग के लिए रवाना हो जाते हैं. अगर वहां शराब मिलती तो नजारा कुछ और होता. उन्होंने कहा कि आज जो फॉरेन एक्सचेंज मिल रहा है, वह 10 गुणा ज्यादा होता.

 

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जेडीयू ने भी क्लियर कर चुकी है कि शराबबंदी कानून को समाप्त नहीं किया जाएगा. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने मांझी को जवाब देते हुए कहा था कि शराबबंदी कानून राज्य के आम लोगों के पक्ष में है और इसकी समीक्षा की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा था कि कुछ लोग शराबबंदी कानून की समीक्षा की दलील दे रहे हैं. हम उनसे आग्रह करते हैं कि वे इस आशय की लिखित मांग अपने स्वजन से कराएं. उन्होंने कहा कि कानून लागू होने के बाद दो करोड़ से अधिक लोगों ने शराब का सेवन बंद कर दिया. परिवार पर इसका प्रभाव नजर आ रहा है. पारिवारिक हिंसा में कमी आई है और सड़क दुर्घटनाएं भी कम हुई हैं.

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