Jharkhand Politics: अखिलेश यादव खबरों में रहने के लिए राजनीतिक बयानबाजी करते हैं: दीपक प्रकाश
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Jharkhand Politics: अखिलेश यादव खबरों में रहने के लिए राजनीतिक बयानबाजी करते हैं: दीपक प्रकाश

Jharkhand Politics: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटंगे तो कटंगे’ वाले बयान की निंदा करते हुए कहा था कि यह नारा बीजेपी के पतन में आखिरी कील साबित होगा. इस पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद दीपक प्रकाश ने तंज कसते हुए आरोप लगाया हैं. 

Jharkhand Politics: अखिलेश यादव खबरों में रहने के लिए राजनीतिक बयानबाजी करते हैं: दीपक प्रकाश

रांची: Jharkhand Politics: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटंगे तो कटंगे’ वाले बयान की निंदा करते हुए कहा था कि यह नारा बीजेपी के पतन में आखिरी कील साबित होगा. इस पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद दीपक प्रकाश ने तंज कसते हुए आरोप लगाया कि अखिलेश अपने पिता के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि “अब अखिलेश यादव थक गए हैं. वह अपने पिताजी के नाम से कितने दिन तक राजनीति करेंगे. जनता उनको ठुकरा चुकी है. वह अखबार, टीवी चैनल और सुर्खियों में बने रहने के लिए खुद को स्थापित कर रहे हैं.” उन्होंने आगे कांग्रेस पार्टी पर भी हमला बोला. दावा किया कि अब उनके अपने भी समझ चुके हैं कि वो पीएम नहीं बन पाएंगे. 

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उन्होंने आगे कहा कि ‘जलेबी छाप’ राहुल गांधी के लिए प्रियंका गांधी, उनके पति और सोनिया गांधी को विश्वास हो गया है कि वह इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे. इसलिए वह थक गए हैं. वह हार गए हैं. अब वह पलायन की तरफ हैं. इसलिए वह ऐसे अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं.” झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के आदिवासियों की आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण के लिए एक समिति का गठन किया है. भाजपा सांसद ने इसे 'आदिवासी कार्ड' करार दिया. आरोप लगाया कि वर्षों से सीएम हेमंत सोरेन आदिवासियों को सिर्फ ठगते आए हैं. 

उन्होंने कहा कि ऐसे कदम उठाकर हेमंत सोरेन राज्य में आदिवासी कार्ड खेलना चाहते हैं. जबकि सच्चाई यह है कि हेमंत सोरेन ने आदिवासियों को केवल ठगा है. आदिवासियों के शोषक के रूप में, आदिवासियों के ठग के रूप में और आदिवासियों के लिए काम न करने के रूप में यदि कोई व्यक्ति जाना जाएगा, तो वह केवल और केवल हेमंत सोरेन जाने जाएंगे. क्योंकि उन्होंने आदिवासियों के लिए कोई काम नहीं किया. सिर्फ वोट लेने का काम किया है. इसके बाद पांच साल वह उन्हें भूल जाते हैं.

इनपुट- आईएएनएस के साथ 

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