Bihar Politics: एक तरफ नीतीश कुमार को लेकर राजद में लालू परिवार के दो अहम नेताओं की राय एक दूसरे से जुदा है तो दूसरी तरफ जेडीयू में भी नीतीश कुमार के करीबी दो नेताओं की बातें एक दूसरे से मैच नहीं कर रही हैं. हालांकि दोनों नेताओं ने एनडीए में बने रहने के दावे किए हैं.
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एक तरफ नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को महागठबंधन में शामिल करने को लेकर लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव के बीच मतभेद हैं तो दूसरी ओर जेडीयू में भी कुछ नेताओं के सुर एक दूसरे से नहीं मिल रहे हैं. नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल करने के प्रस्ताव पर लालू प्रसाद यादव स्वागत करने की बात कहते हैं तो तेजस्वी यादव कहते हैं कि सवाल ही पैदा नहीं होता. दूसरी ओर, ललन सिंह का कहना है कि लालू प्रसाद यादव कुछ भी बोलते रहते हैं. उनके बयान पर क्या ही प्रतिक्रिया दी जाए. वहीं जेडीयू के विधायक और नीतीश सरकार में मंत्री महेश्वर हजारी का कहना है कि राजनीति में कोई भी स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता.
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महेश्वर हजारी ने कहा, राजनीति में कोई भी स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता है. यह परिस्थिति पर निर्भर करता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हम एनडीए में बने रहेंगे. उधर, लालू प्रसाद याद के बयान पर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा, छोड़िए ना लालूजी क्या बोलते हैं क्या नहीं बोलते हैं. लालूजी से कहिए कि हमलोग एनडीए में हैं और मजबूती से रहेंगे. बोलने के लिए आजादी है तो कुछ भी बोलते रहें.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा, अगर नीतीश कुमार आते हैं तो क्यों नहीं उनको साथ लेंगे. वे साथ में रहें, काम करें. जब उनसे पूछा गया कि नीतीश कुमार अगर आएंगे तो आरजेडी उनसे गठबंधन कर लेगी? इस पर लालू ने कहा, हां. उन्हें हम अपने साथ रख लेंगे और सारी गलती माफ कर देंगे. माफ करना ही हमारा फर्ज है.
लालू प्रसाद से जब पूछा गया कि पार्टी में कोई भी नेता कुछ भी बोलें, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी सुप्रीमो होने के नाते आप ही लेते हैं. इसपर उन्होंने कहा, हमलोग फैसला लेते हैं लेकिन नीतीश कुमार को शोभा नहीं देता है. वह बार-बार भाग जाते हैं. निकल जाते हैं. अगर वह फिर आएंगे तो रख लेंगे.
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उधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना है, हमारा स्टैंड क्लीयर है. तेजस्वी यादव का कहना है, लालू प्रसाद जी मीडिया में चल रही कयासबाजियों को ठंडा करने के लिए ऐसा बोल दिए होंगे. हम तो पहले ही अपनी बात बता दिए हैं. इससे पहले भी नीतीश कुमार को लेकर तेजस्वी यादव का कहना था कि महागठबंधन में उनकी वापसी का सवाल ही पैदा नहीं होता. अब वे चूके हुए नेता हैं और बिहार शासनविहीन हो चुका है.