क्या बिहार की राजनीति में डटेगा नीतीश का खोटा सिक्का? या पिता की मेहनत जाएगी बेकार
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2518860

क्या बिहार की राजनीति में डटेगा नीतीश का खोटा सिक्का? या पिता की मेहनत जाएगी बेकार

Nitish Kumar Son Nishant Kumar: राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि निशांत कुमार का राजनीति में आना जदयू के लिए एक नई शुरुआत हो सकता है. लेकिन यह पूरी तरह निशांत पर निर्भर करेगा कि वह राजनीति के लिए कितनी तैयारी और गंभीरता दिखाते हैं. साथ ही, नीतीश कुमार के लिए भी यह बड़ी चुनौती होगी कि वह अपने बेटे को राजनीति में कैसे आगे बढ़ाते हैं.

 

क्या बिहार की राजनीति में डटेगा नीतीश का खोटा सिक्का? या पिता की मेहनत जाएगी बेकार

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भारतीय राजनीति में उनकी सादगी और विकासशील नीतियों के लिए जाना जाता है. अब उनके इकलौते बेटे निशांत कुमार को लेकर चर्चा तेज हो गई है. हाल ही में हरियाणा के रेवाड़ी में एक पारिवारिक समारोह में निशांत ने अपने पिता के साथ शिरकत की. उनकी सादगी और शांत स्वभाव ने लोगों का ध्यान खींचा, जिससे यह अटकलें तेज हो गईं कि क्या निशांत कुमार बिहार की राजनीति में प्रवेश करेंगे और अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाएंगे. जनता का तो यह भी कहना है कि अगर बिहार की राजनीति में निशांत की एंट्री हो भी जाती है तो क्या बिहार की राजनीति में नीतीश का खोटा सिक्का डट सकेगा? या पिता की मेहनत और कोशिश दोनों ही बेकार जाएगी. हालांकि नीतीश कुमार ने बेटे निशांत को बिहार की राजनीति में उतारने के लिए कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. 

निशांत कुमार क्यों बन गए चर्चा का कारण
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि रेवाड़ी में हुए इस पारिवारिक समारोह में निशांत ने बहुत ही साधारण अंदाज में भाग लिया. समारोह में उपस्थित लोगों ने उनकी प्रशंसा की और यह चर्चा शुरू हो गई कि नीतीश कुमार उन्हें राजनीति में लाने की योजना बना रहे हैं. हालांकि, निशांत ने अब तक राजनीति से दूरी बनाए रखी है, लेकिन उनके पिता के साथ इस तरह की सार्वजनिक उपस्थिति ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है.

निशांत का व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन
निशांत कुमार पेशे से इंजीनियर हैं और उन्होंने अब तक सार्वजनिक जीवन में कोई बड़ी भूमिका नहीं निभाई है. वह अधिकतर समय अपने निजी जीवन में व्यस्त रहते हैं और राजनीति से खुद को अलग रखते आए हैं. नीतीश कुमार भी अपने बेटे के राजनीतिक करियर को लेकर कभी खुलकर सामने नहीं आए हैं.

राजनीति में क्या-क्या मिलेगी चुनौतियां
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार की राजनीति में युवा नेताओं का दबदबा बढ़ता जा रहा है. तेजस्वी यादव जैसे नेता पहले से ही अपने अनुभव और प्रभाव के साथ मजबूत स्थिति में हैं. ऐसे में निशांत के लिए राजनीति में अपनी जगह बनाना आसान नहीं होगा. उनका अनुभवहीन होना और राजनीति में रुचि न दिखाना उनकी सबसे बड़ी चुनौतियां हो सकती हैं.

जानें क्या है जनता की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि निशांत कुमार की संभावित एंट्री पर जनता की राय बंटी हुई है. कुछ लोग इसे नीतीश कुमार की विरासत का स्वाभाविक विस्तार मानते हैं, जबकि अन्य इसे राजनीति में परिवारवाद का एक और उदाहरण मानते हैं. जनता की प्रतिक्रिया इस बात पर निर्भर करेगी कि निशांत राजनीति में खुद को कैसे पेश करते हैं. साथ ही कहा कि निशांत कुमार का राजनीति में प्रवेश जदयू के लिए एक नया अध्याय खोल सकता है, लेकिन यह पूरी तरह उन पर निर्भर करेगा कि वह खुद को राजनीति के लिए कितनी गंभीरता से तैयार करते हैं. नीतीश कुमार के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती होगी कि वह अपने बेटे को राजनीति में कैसे स्थापित करते हैं.

ये भी पढ़िए-  मंत्री अशोक चौधरी ने कहा- CM नीतीश ने PM मोदी को नहीं, उनके वाकास को किया प्रणाम

Trending news