Chandankiyari Assembly Seat: चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र बोकारो जिले के दक्षिणी हिस्से में है, जो झारखंड के महत्वपूर्ण औद्योगिक जिलों में से एक है. चंदनकियारी के आस-पास के क्षेत्रों में बोकारो स्टील प्लांट और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं हैं, जिससे यह क्षेत्र उद्योगों के प्रभाव में है.
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Chandankiyari Assembly Seat: झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. इसी के साथ दूसरे चरण के नामांकन भी खत्म हो गए है. सभी पार्टियां चुनाव जीतने की तैयारी में लगी हुई है. इस बार झारखंड में दो चरण में मतदान होंगे. वहीं चंदनकियारी विधानसभा सीट झारखंड के बोकारो जिले में स्थित है और यह अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीट है. इस सीट का झारखंड की राजनीति में विशेष महत्व है, क्योंकि यह औद्योगिक क्षेत्र के करीब स्थित है और यहाँ पर कई चुनावी मुद्दे, जैसे रोजगार, विकास और बुनियादी सुविधाओं की कमी, प्रमुखता से सामने आते हैं.
चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र बोकारो जिले के दक्षिणी हिस्से में है, जो झारखंड के महत्वपूर्ण औद्योगिक जिलों में से एक है. चंदनकियारी के आस-पास के क्षेत्रों में बोकारो स्टील प्लांट और अन्य औद्योगिक परियोजनाएं हैं, जिससे यह क्षेत्र उद्योगों के प्रभाव में है. यहां की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले लोग भी यहां रहते हैं. इस सीट से अमर कुमार कुमार बाउरी साल 2014 से ही लगातार विधायक हैं. हालांकि साल 2019 के चुनाव में जेएमएम के उमाकांत रजक ने उन्हें हरा दिया. चंदनकियारी सीट पर मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), और कांग्रेस जैसी पार्टियों के बीच होता है. इस सीट पर अक्सर भाजपा और जेएमएम के बीच सीधा मुकाबला देखा गया है.
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चंदनकियारी की जनसंख्या में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के लोगों की संख्या अधिक है, इसलिए यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां संथाल, कुड़मी, और अन्य आदिवासी समुदाय भी मौजूद हैं, जो यहाँ के सामाजिक ताने-बाने को विविधता प्रदान करते हैं. क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने, शिक्षा की सुविधा, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और पेयजल की समस्या प्रमुख मुद्दे हैं. औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद स्थानीय स्तर पर रोजगार की कमी एक गंभीर समस्या है. सड़क, सिंचाई और परिवहन सुविधाओं का विस्तार भी इस क्षेत्र की मुख्य जरूरतों में से एक है. किसान भी सिंचाई सुविधाओं की कमी और उचित समर्थन मूल्य की मांग करते हैं, जो अक्सर चुनावी मुद्दा बनता है.
साल 2019 में, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के उमाकांत रजक ने भाजपा के अमर कुमार बाउरी को हराया था. यह चुनाव इस बात का संकेत था कि स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि जनता ने विपक्ष के उम्मीदवार को प्राथमिकता दी. आगामी चुनाव में भाजपा, जेएमएम, और कांग्रेस के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा हो सकती है. जगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं के मुद्दे इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. औद्योगिक क्षेत्र से रोजगार का लाभ स्थानीय लोगों तक पहुँचाने की मांग भी चुनावों में अहम भूमिका निभा सकती है. चंदनकियारी विधानसभा सीट पर चुनावी परिणाम राज्य की राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं, और यहाँ के स्थानीय मुद्दे व विकास की दिशा किसी भी उम्मीदवार की जीत या हार तय करने में महत्वपूर्ण होते हैं.
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