Bihar Assembly Winter Session: बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार रहा. इस बार के सेशन में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई गई.
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पटना: Bihar Assembly Winter Session: बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया. इस छोटे सत्र में 6 महत्वपूर्ण राजकीय विधेयकों को स्वीकृति मिली. जिसमें आरक्षण से संबंधित दो बिल पास किए गए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वक्तव्य और आरक्षण बिल को लेकर यह छोटा सत्र लंबे समय तक याद रखा जाएगा. सत्ता पक्ष ने आरक्षण बिल पास होने को लेकर इस सत्र की उपलब्धि मान रही है. वहीं विपक्ष ने मुख्यमंत्री के बयान को लेकर इसे शर्मसार करने वाला बताया.
शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन भी सदन के बाहर और अंदर भारी हंगामा देखने को मिला. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सत्ता पक्ष ने पोर्टिको के मुख्य द्वार को घेर कर जमकर प्रदर्शन किया और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी पर निशाना साधा. वहीं जगह न मिलने पर बीजेपी के सदस्य अध्यक्ष कक्ष के सामने धरना पर बैठ गए. वहीं जीतनराम मांझी भी अपने ऊपर मुख्यमंत्री द्वारा कही गई बातों को लेकर बीजेपी के साथ धरना पर बैठ गए. सदन शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा जारी रहा और कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गई. दो बजे के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष ने फिर हंगामा शुरू किया और उनकी मांग थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में जीतनराम मांझी को दिए नसीहत को लेकर माफी मांगे. बाद में विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया और सदन की कार्यवाही विपक्ष की अनुपस्थिति में पूरी की गई।
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रभारी मंत्री ने संसदीय कार्य विभाग द्वारा राज्य के जाति गणना से संबंधित सरकार का प्रतिवेदन सदन पोर्टल पर रखा और चौथे दिन बिहार शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 और बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियां में आरक्षण अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए संशोधन विधेयक 2023 को सर्वसम्मति से पास कराया गया. शीतकालीन सत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरण में सम्मिलित शिक्षा विभाग के अनुदान की मांग पर वाद विवाद हुआ और सरकार के उत्तर के बाद मांग स्वीकृत की गई,
इनपुट- रजनीश
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