Bihar Politics: क्या बिहार की महागठबंधन सरकार में सबकुछ सही है? क्या राजद और जदयू की दोस्ती अब टूटने वाली है. सियासत के गलियारों में ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि महागठबंधन सरकार के भीतर ही दोनों दलों के बीच क्रेडिट लेने की होड़ शुरू हो गई है.
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Bihar Politics: बिहार की महागठबंधन सरकार में तनातनी अब साफ देखने को मिल रही है. राजद और जदयू की ओर से क्रेडिट वॉर शुरू हो चुकी है. बिहार में बड़े पैमाने शिक्षकों की भर्ती मामले में राजद और जदयू दोनों आमने-सामने हैं. शिक्षकों की बहाली को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपनी पीठ थपथपाते हुए नजर आते हैं. राजद नेताओं की तरफ से संदेश दिया जा रहा है कि तेजस्वी यादव के कारण ही इतनी बड़ी संख्या में शिक्षक भर्ती निकालना संभव हो सका. वहीं जेडीयू इसका पूरा क्रेडिट मुख्यमंत्री नीती कुमार को दे रहा है. उधर नीतीश सरकार की ओर से भी अपनी उपलब्धियों का विज्ञापन अखबारों में निकाल रही है. खास बात ये है कि एक पेज वाले इस विज्ञापन में तेजस्वी यादव को जरा सी भी जगह नहीं मिली.
सिर्फ नीतीशे कुमार हैं..!
इस विज्ञापन में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि नीतीश कुमार ही हैं जो बिहार की तस्वीर बदल रहे हैं. उनकी वजह से ही बिहार की शिक्षा व्यवस्था में अमूलचूल परिवर्तन आया है. इस विज्ञापन में शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार ने कितना और क्या काम किया है, सबका पूरा लेखाजोखा पेश किया गया है. हालांकि, इस पूरे विज्ञापन में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव या शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर यादव की तस्वीर को जगह नहीं दी गई है.
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तेजस्वी की तस्वीर गायब
इसके अलावा शनिवार 13 जनवरी को पटना में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटे जाने का कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. इसे लेकर पटना में जो पोस्टर लगाए गए थे, उनमें भी तेजस्वी यादव की तस्वीर गायब है. इससे पहले भी जब 25 हजार शिक्षकों को गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र बांटा गया था, तब गांधी मैदान में जो पोस्टर लगा था उस पोस्टर से तेजस्वी यादव गायब थे. हालांकि, जब पत्रकारों ने तेजस्वी के सामने इस मुद्दे को उठाया तो उन्होंने कहा था कि इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है.
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क्या टूट जाएगा महागठबंधन?
वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने हर कार्यक्रम में यह कहने से नहीं चूकते कि महागठबंधन सरकार बेरोजगारों को नौकरी दे रही है. लाखों शिक्षकों की बहाली उनलोगों की वजह से संभव हो सका है. वहीं ऐसे कई मौके आए, जब कार्यक्रम के दौरान खुले मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद के मंत्रियों को सलाह दी कि किसी भी कार्य का श्रेय खुद न लें. बल्कि महागठबंधन सरकार को क्रेडिट दें. हालांकि, सच्चाई यह भी है कि जब जिसे मौका मिला श्रेय लेने में कोई भी पीछे नहीं रहा.