Bihar: बिहार में शिक्षा विभाग का नया फरमान, कर्मचारियों को जींस-टीशर्ट पहनकर कार्यालय आने पर प्रतिबंध
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Bihar: बिहार में शिक्षा विभाग का नया फरमान, कर्मचारियों को जींस-टीशर्ट पहनकर कार्यालय आने पर प्रतिबंध

जारी आदेश में कहा गया है कि जींस पैंट और टी-शर्ट में कोई भी पदाधिकारी और कर्मचारी ऑफिस ना आएं. यह आदेश निदेशक प्रशासन शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किया गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Bihar Education Department New Order: बिहार का शिक्षा विभाग इन दिनों काफी चर्चा में है. शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल खत्म करने को लेकर बवाल के बीच शिक्षा विभाग की ओर अपने कर्मचारियों के लिए नया आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक, अब शिक्षा विभाग के अधिकारी या कर्मचारियों के जींस और टी शर्ट पहनकर ऑफिस आने पर बैन लगा दिया गया है. आदेश में कर्मचारियों से कहा गया कि वे ऑफिस में जींस और टी-शर्ट जैसे कैजुअल कपड़े न पहनें क्योंकि ये ऑफिस कल्चर के खिलाफ है. लिहाजा, अब सभी कर्मचारियों को फॉर्मल ड्रेस में ऑफिस आना होगा. 

 शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के जारी होते ही शिक्षा विभाग में तेजी से हरकत शुरू हो गई है. जारी आदेश में यह कहा गया है कि देखा जा रहा है कि शिक्षा विभाग में पदस्थापित पदाधिकारी और कर्मचारी कार्यालय संस्कृति के विरूद्ध अनौपचारिक कैजुअल ड्रेस में कार्यालय आ रहे हैं, जो कार्यालय के गरिमा के प्रतिकूल है. इसलिए अब शिक्षा विभाग, बिहार, पटना में पदस्थापित सभी पदाधिकारी और कर्मचारी कार्यालय में गरिमायुक्त औपचारिक परिधान फॉर्मल ड्रेस में ही कार्यालय आएं.

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JDU ने किया फैसले का स्वागत

वहीं, शिक्षा विभाग की तरफ से ड्रेस कोड लागू करने का जेडीयू एमएलसी नीरज ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि फॉर्मल ड्रेस में तो शिक्षकों को जाना ही चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी पर कहा कि बीजेपी वाले खाने पहनावे पर राजनीति करते हैं. इससे पहले यूपी के बरेली डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ऑफिस में भी इस तरह का आदेश जारी किया गया था. किसी भी कर्मचारी को कैजुअल कपड़ों यानी कि जीन्स, टी-शर्त आदि में अनुमति नहीं है. अगर कोई कर्मचारी ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है. इसको लेकर प्रशासन ने कर्मचारियों को चेतावनी जारी की है.

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शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव

बता दें कि बिहार में शिक्षक नियुक्ति नियमावली में शिक्षा विभाग ने बदलाव किया गया है. भर्ती में बिहार का स्थायी निवास की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. अब शिक्षक नियुक्ति में बिहार के बाहर के भी अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं. सरकार के इस फैसले से बिहार के शिक्षक और कैंडिडेट्स नाराज हैं. बीजेपी बिहार का अपमान का आरोप लगा रही है.

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