Bihar Caste Census: सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दे चुकी है नीतीश सरकार, फिर भी उपेंद्र कुशवाहा समेत 23 परिवारों की निजी जानकारी लीक कैसे हुई?
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Bihar Caste Census: सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दे चुकी है नीतीश सरकार, फिर भी उपेंद्र कुशवाहा समेत 23 परिवारों की निजी जानकारी लीक कैसे हुई?

Bihar Caste Census: राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा जाति आधारित गणना का सर्वे कार्य जो कराया गया है पूरे तरह से साइंटिफिक तरीके से कराया गया है इसमें कोई त्रुटि नहीं है लेकिन जो लोग आज सवाल खड़े कर रहे हैं. 

उपेंद्र कुशवाहा (File Photo)

Bihar Caste Census: जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने 23 परिवारों का जातीय गणना के आंकड़े को लीक किया. जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. दरअसल, जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा के परिवार की जातीय गणना से संबंधित आंकड़ों को मीडिया के सामने पेश किया. नीरज कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा के परिवार का पूरा डिटेल मीडिया के सामने दे दिया. जबकि राज्य सरकार हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में बकायदा शपथ पत्र दे कर ये कह चुकी है कि जातीय गणना से संबंधित किसी भी व्यक्ति के निजी आंकड़े को किसी सूरत में सार्वजनिक नहीं किया जायेगा और ना ही उसकी जानकारी किसी को दी जायेगी. 

नीरज कुमार द्वारा उपेंद्र कुशवाहा के पारिवारिक जानकारी को लीक किये जाने के बाद बिहार में बड़ा सियासी बवाल शुरू हो गया है. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार द्वारा उपेंद्र कुशवाहा के परिवार के आंकड़े जारी होना कई गंभीर सवाल खड़े करता है. जदयू प्रवक्ता के पास ये आंकड़े कैसे आये? कितने लोगों के ऐसे आंकड़े कितने लोगों को लीक किये गए? ऐसे सवालों का उत्तर सरकार को देना होगा.  उन्होंने कहा कि कुशवाहा या किसी भी व्यक्ति के आंकड़े जारी करना निजता के अधिकार का उल्लंघन और कोर्ट की अवमानना है. सुशील मोदी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में भी बीजेपी ने कई जातियों द्वारा गणना में गड़बड़ी की शिकायत को सामने रखा था. लेकिन मुख्यमंत्री जातीय सर्वे को पूरी तरह त्रुटिहीन और प्रमाणिक बता कर मुख्यमंत्री सारी गड़बड़ियों पर पर्दा डाल रहे हैं.

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राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा जाति आधारित गणना का सर्वे कार्य जो कराया गया है पूरे तरह से साइंटिफिक तरीके से कराया गया है इसमें कोई त्रुटि नहीं है लेकिन जो लोग आज सवाल खड़े कर रहे हैं. वहीं लोग इसके विरोधी थे कई तरह की परेशानियों को खड़ा करने का प्रयास किया, लेकिन न्यायालय ने भी सरकार के तर्कों को माना और हरी झंडी दी, जो लोग आज सवाल खड़े कर रहे हैं इससे प्रतीत होता है कि यह सर्वे रिपोर्ट आने के बाद उनके पेट में दर्द हो रहा है.

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कांग्रेस प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा कि नीरज कुमार आधिकारिक प्रवक्ता भले ही जदयू के हूं पर सरकार के अंग नहीं है. ऐसे में उनके द्वारा जारी किया गया आंकड़ा वह कितना सत्य है कितना तथ्य परख है इसीलिए उसे पर कोई भी सवाल करना सरकार की तरफ से तो कोई आखिरी जारी नहीं हुए हैं. सरकार के किसी अधिकारी ने या किसी मंत्री ने इस तरह का कोई काम नहीं किया है इसीलिए इस पर कोई भी सवाल उठाने बेवकूफी है.

बीजेपी विधायक नीरज सिंह बबलू ने कहा कि यह आगरा ही फर्जी है और फर्जी पन्ना को दबाने के लिए जो गबन हुआ है. 500 करोड़ का इसको दबाने के लिए यह लोग कानून भी तोड़ दिए सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश था कि इसको सार्वजनिक नहीं करना है उसको जेडीयू ने सार्वजनिक करने का काम किया. यह काफी दुखद है चिंता जनक है कोई ना कोई व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे भी और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आगरा पूरे तरीके से फर्जी है इस आंकड़े में किसी को ज्यादा दिखाया गया है किसी को कम दिखाया गया है और अगर सही है विशेष समुदाय के लोग बड़े हैं यह चिंताजनक है बिहार के लिए और देश के लिए.

उपेंद्र कुशवाहा के निजी और गोपनीय जानकारी सार्वजनिक करने पर RLJD के राष्ट्रिय प्रधान महासचिव माधव आनंद से सरकार की मंसा पर सवाल खड़े किए
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा के निजी और गोपनीय जानकारी सार्वजनिक की है. जबकि राज्य सरकार हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में बकायदा शपथ पत्र दे कर ये कह चुकी है कि जातीय गणना से संबंधित किसी भी व्यक्ति के निजी आंकड़े को किसी सूरत में सार्वजनिक नहीं किया जायेगा और ना ही उसकी जानकारी किसी को दी जायेगी तो फिर किसके मिली भगत से ये डाटा नीरज कुमार के पास आया. जबकि नीरज कुमार किसी संवैधानिक पद पर बैठे तक नहीं है. ये एक बहुत बड़ी राजनीतिक सजिश है जिसकी जांच होनी चाहिए.

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